Odisha train accident: पटरियों की मरम्मत के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे दल

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दुर्घटनास्थल पर मौजूद रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।

बालासोर। ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में हुए भीषण रेल हादसे के दो दिन बाद बुलडोजर और क्रेन की मदद से शनिवार रातभर में अधिकतर रेल पटरियों से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटा दिया गया, ताकि पूर्वी एवं दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन पर रेल सेवा बहाल की जा सके। रेलवे अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हादसे के दौरान टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है। दुर्घटनास्थल पर मौजूद रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।

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सूत्रों के मुताबिक, रेल हादसे में मृतक संख्या 288 से बढ़कर 295 हो गई है, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने के कारण यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए। इस हादसे के बाद से महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के बीच यात्रियों एवं सामान का आवागमन बाधित हो गया है। इस हादसे को भारत की अब तक की सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक बताया जा रहा है।

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