NDA में वापसी की खबरों पर ओमप्रकाश राजभर ने तोड़ी चुप्पी, बोले- सब अफवाह, मैं कहीं जा रहा

Omprakash Rajbhar

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि न ही वह दिल्ली गए हैं और न ही उनकी अमित शाह से कोई मुलाकात हुई है। उन्होंने कहा मैं स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों में व्यस्त हूं, सपा गठबंधन के उम्मीदवारों को विजई बनाने के लिए काम कर रहा हूं।

उत्तर प्रदेश में एक तरफ मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह की चर्चा जोरों पर है। तो वहीं सपा गठबंधन के सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी  चर्चाओं से दूर नहीं है। दरअसल सियासी गलियारों में चर्चा थी कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद राजभर वापस बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इसको लेकर कयासों का दौर तेज हुआ तो ओमप्रकाश राजभर ने इसका खंडन किया है।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि न ही वह दिल्ली गए हैं और न ही उनकी अमित शाह से कोई मुलाकात हुई है। उन्होंने कहा मैं स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों में व्यस्त हूं, सपा गठबंधन के उम्मीदवारों को विजई बनाने के लिए काम कर रहा हूं।

दरअसल पहले खबर आई थी कि शुक्रवार को अमित शाह और ओमप्रकाश राजभर की दिल्ली में मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में राजभर ने अपने कई मुद्दों को अमित शाह के सामने रखा था। वहीं बुधवार को ओमप्रकाश राजभर और सुनील बंसल की मुलाकात हुई थी। हालांकि, राजभर इन दोनों मुलाकातों का खंडन कर रहे हैं।

बीजेपी की जरूरत है राजभर

 पूर्वांचल क्षेत्र में लोकसभा की लगभग 26 सीटें ऐसी हैं, जहां राजभर समाज का प्रभाव है। वहीं 14 लोकसभा सीटें ऐसी है, जहां राजभर समाज का वोट निर्णायक रहता है। ऐसे में यह 2024 आम चुनाव में भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है।

आपको बता दें 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में राजभर और भाजपा साथ थे। हालांकि, बीच में ही राजभर का मन बदल गया और वह भाजपा छोड़ गए। इसके बाद 2022 में उन्होंने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा। इसमें 6 सीटों पर उन्होंने जीत हासिल की है।

पूर्वांचल में राजभर वोट बहुत अहम

पूर्वांचल के कई जिलों में राजभर समुदाय का वोट सियासी समीकरण बनाने और बिगाड़ने की क्षमता रखता है। ओपी राजभर का पूर्वांचल की सियासत में दबदबा है। 2022 के चुनाव में भाजपा जहां पश्चिम से लेकर अवध तक मजबूत नजर आई। वहीं पूर्वांचल के 4 जिलों गाजीपुर, अंबेडकरनगर, मऊ, बलिया, जौनपुर, आजमगढ़ में भाजपा का खाता तक नहीं खुला।

 भाजपा अभी से 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियों जुट गई है। वह चाहती है कि ओमप्रकाश राजभर उसके साथ आ जाएं। यूपी में राजभर समुदाय की आबादी लगभग 3 प्रतिशत है, लेकिन पूर्वांचल के जिलों में राजभर मतदाताओं की संख्या 12 से 22 प्रतिशत है। गाजीपुर, चंदौली, मऊ, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, लालगंज, अंबेडकर नगर, मछलीशहर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही में इनकी अच्छी खासी आबादी है, जो सूबे की लगभग चार दर्जन विधानसभा सीटों पर असर रखते हैं। इसका असर 2022 के चुनाव में भी दिखाई पड़ा।

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