Karnataka Election 2023: शांतिनगर से कांग्रेस के हारिस ने किया बड़ा दावा, आप और BJP ने 'फोर्ट हारिस' को बनाया निशाना
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शांतिनगर निर्वाचन क्षेत्र बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्सा है। इस सीट से कांग्रेस के एन ए हारिस तीन बार जीत हासिल कर चुके हैं। वहीं हारिस इस बार भी जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं उनके सामने भाजपा और आप पार्टी के उम्मीदवार खड़े हैं।
शांतिनगर निर्वाचन क्षेत्र बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्सा है। इस सीट का अपना इतिहास रहा है। बता दें कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के नालपद अहमद हारिस लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं। बता दें कि साल 2018 में शांति नगर में कुल 49 प्रतिशत वोट पड़े। इस दौरान एन ए हारिस ने भाजपा के उम्मीदवार वासुदेव मूर्ति को 18205 वोटों के मार्जिन से हराया था। वहीं इस सीट से चौथी बार भी कांग्रेस के एन ए हारिस चुनावी मैदान में उतरे हैं।
हारिस की पकड़ मजबूत
इस क्षेत्र में हारिस की जड़ें काफी गहरी हैं। हारिस का कहना है कि वह अपने चौथे कार्यकाल के लिए भी आश्वस्त हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह इस बार भी बड़े अंतर से यहां पर जीत दर्ज करेंगे। लेकिन इस बार हारिस को यहां से दोहरी चुनौती का सामना कर पड़ रहा है। क्योंकि यहां से बीजेपी के टिकट पर पूर्व नगरसेवक के. शिवकुमार और आप उम्मीदवार के मथाई चुनावी मैदान में उतरे हैं। वहीं कांग्रेस के हारिस का कहना है कि उन्होंने गरीबों के लिए काम किया है, जैसे 10,000 झोपड़ियों को कंक्रीट के घरों में बदलना, वोटरों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कराने पर ध्यान दिया है। उनका काम ही उन्हें अच्छी स्थिति में खड़ा करेगा।
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शिवकुमान ने हारिस पर लगाए गंभीर आरोप
हालांकि हारिस के प्रतिद्वंद्वियों ने उन पर बाहुबल इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उनके प्रतिद्वंद्वियों का कहना है कि हारिस ने निर्वाचन क्षेत्र में व्याप्त असामाजिक गतिविधियों पर आंख मूंद लिया है। बीजेपी के के. शिवकुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि शांतिनगर निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक आशीर्वाद के साथ अपराधी और ड्रग धावक दिन के उजाले में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारे युवा नशे के आदी है। के शिवकुमार का कहना है कि जो भी इस अवैध माहौल पर सवाल उठाने की कोशिश करता है, उसे राजनेताओं के गुर्गों द्वारा धमकी दी जाती है।
बीजेपी से के. शिवकुमार मैदान में
आपको बता दें कि बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे के. शिवकुमार, वासुदेवमूर्ति के भाई हैं। वासुदेवमूर्ति साल 2018 में हारिस से हार गए थे। के. शिवकुमार ने कहा कि वह इस क्षेत्र के लोगों का स्वभाव अच्छे से जानते हैं। क्योंकि उन्होंने जमीनी स्तर पर कई वर्षों तक काम किया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में न तो गरीबों के लिए निर्वाचन ढांचा है और न पानी और स्वच्छता है। के. शिवकुमार ने दावा किया कि इस बार बदलाव को लेकर वह आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है इस बदलाव की शुरूआत वही करेंगे।
के. मथाई के सामने बड़ी चुनौती
वहीं आप पार्टी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे के मथाई प्रमुख समस्याओं की ओर इशारा कर जमीन पर लहर पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। आप के मथाई का आरोप है कि यहां के वर्तमान विधायक इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने में विफल हुए हैं। उन्होंने नीलासंद्रा में एक सरकारी अस्पताल और स्कूल की दयनीय स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां की स्थिति काफी जटिल है। हालांकि उनके विरोधी इस बात से चिंतित हैं कि वहां पर ईसाई वोटों का एक बड़ा हिस्सा है। लेकिन के मथाई को क दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अभियान के तेवर को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है।
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