पाठ्य पुस्तक में भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ बताने का विरोध
राज्यसभा में आज जदयू के केसी त्यागी ने दिल्ली विश्वविद्यालय की एक पाठ्य पुस्तक में शहीद-ए-आजम भगत सिंह को कथित तौर पर ‘आतंकवादी’ बताए जाने को लेकर कड़ा विरोध जताते हुए इसे फौरन हटाए जाने की मांग की जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि वह पाठ्य पुस्तक की इस टिप्पणी से सहमत नहीं है तथा इस बारे में सदन की राय से संबद्ध मंत्रालय को अवगत करा दिया जाएगा। त्यागी ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित दिल्ली विश्वविद्यालय की इतिहास की एक पुस्तक में भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ बताया गया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की दस लाख प्रतियां बिक चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि एक ओर पाकिस्तान के लाहौर में कुछ लोग एक चौक का नाम भगत सिंह पर रखने का प्रयास कर रहे हैं वहीं हमारे देश की पाठ्य पुस्तकों में उनको आतंकवादी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है।
त्यागी ने कहा कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले भगत सिंह जैसे लोगों के लिए पाठ्य पुस्तकों में इस तरह की बातें लिखा जाना बिल्कुल गलत है और उसे निकाला जाना चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भगत सिंह सबके आदर्श हैं और हर भारत वासी उनके बलिदान को सलाम करता है। उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तक में भगत सिंह के बारे में जो लिखा गया है हम उससे सहमत नहीं हैं। नकवी ने कहा कि वह इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सदन की भावना से अवगत कराएंगे।
उल्लेखनीय है कि मशहूर इतिहासकार विपिन चंद्रा और मृदुला मुखर्जी एवं अन्य द्वारा लिखी गई ‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’’ नामक पुस्तक में भगत सिंह के बारे में ‘‘क्रांतिकारी आतंकवादी’’ संबंधी टिप्पणी की गई है। बुधवार को यह मुद्दा लोकसभा में भी उठाया गया था।
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