पाक का रक्षा औद्योगिक आधार हमसे बेहतर: सेना उप प्रमुख

Pakistani defence industrial base better than ours: Indian Army Vice Chief Lt. Gen. Sarath Chand
[email protected] । Jul 26 2017 10:57AM

सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट शरत चंद ने कहा है कि पाकिस्तान का सैन्य औद्योगिक आधार भारत से बेहतर है और वह भारत से ज्यादा रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है।

सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट शरत चंद ने कहा है कि पाकिस्तान का सैन्य औद्योगिक आधार भारत से बेहतर है और वह भारत से ज्यादा रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है। उन्होंने इस दौरान बलों के लिए हथियारों का विनिर्माण करने वाले आयुध कारखानों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ‘‘कोई प्रतिस्पर्धा ना होने के साथ’’ आयुध कारखाने बदलती प्रौद्योगिकी के अनुरूप आगे बढ़ने में नाकाम रहे हैं और यह ‘‘हमारी रक्षा जरूरतों में मदद करने का एक असफल तरीका’’ है।

सेना उप प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं यहां तक कहना चाहूंगा कि जहां तक रक्षा उत्पादन का संबंध है, शायद पाकिस्तान का औद्योगिक उत्पादन हमारे देश से बेहतर है। वास्तव में वे हमारी तुलना में निश्चित तौर पर विदेशों में ज्यादा रक्षा उपकरणों का निर्यात करते हैं।’’ उन्होंने हैरानी जतायी कि क्या आयुध कारखानों के ऐसे काम करने का कारण उन्हें मिलने वाले सुनिश्चित ऑर्डर हैं या जवाबदेही की कमी है।

लेफ्टिनेंट जनरल चंद ने कहा, ‘‘अनुसंधान एवं विकास कम है या है ही नहीं। उनके पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के जरिये उद्योग का समावेश करने की क्षमता तक नहीं है और कुछ मामलों में तो वे विदेशों से आयातित उत्पादों को असैम्बल करने में भी नाकाम रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा हालत में आयुध कारखाने बदलते नहीं दिख रहे। कुल मिलाकर ये हमारी रक्षा जरूरतों में मदद करने का एक असफल तरीका बन गए हैं।’’ वह सेना और भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित दो दिन के सम्मेलन ‘एमीकॉन’ के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

सेना उप प्रमुख ने कहा कि स्वदेशी औद्योगिक क्षमता होना देश के लिए जरूरी है और सचेत किया कि युद्ध की स्थिति में देश को दूसरे देशों की तरफ देखना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘और अकसर ही मुश्किल स्थितियों में दोस्तों ने हमारी मदद नहीं की है।’’ लेफ्टिनेंट जनरल चंद ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम, रक्षा खरीद नीति 2016, रणनीतिक भागीदारी मॉडल और आर्मी डिजाइन ब्यूरो का गठन रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की गति बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम हैं।

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