रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर का आरोप, परमबीर सिंह ने नष्ट किया था आतंकी कसाब का फोन

Parambir Singh
अंकित सिंह । Nov 26 2021 12:39PM

पठान ने आरोप लगाया कि आतंकवाद-निरोधक दस्ते के तत्कालीन डीआईजी परमबीर सिंह ने कांस्टेबल से मोबाइल फोन ले लिया था। उन्होंने शिकायत में दावा किया है कि फोन आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले को सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन सिंह ने साक्ष्य के महत्वपूर्ण टुकड़े को नष्ट कर दिया।

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इन सबके बीच मुंबई पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त शमशेर खान पठान ने परमबीर सिंह को लेकर बड़ा दावा किया है। शमशेर खान पठान ने दावा किया कि परमबीर सिंह ने 26/11 आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब से जब्त किए गए मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया था। इसके साथ ही पठान ने मुंबई पुलिस आयुक्त को एक लिखित शिकायत दी है और पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। पठान ने परमबीर सिंह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है। हालांकि पठान ने मुंबई पुलिस को यह शिकायत करीब 4 महीने पहले की थी लेकिन जबरन वसूली मामले में परमबीर सिंह के मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश होने के बीच यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

पठान ने परमबीर सिंह पर सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया है और एनआईए के द्वारा गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। पठान ने तो अपने पत्र में यह भी दावा किया है कि परमबीर सिंह ने इस सबूत को आईएसआईएस को बेच दिया होगा या फिर जबरन वसूली के लिए जानकारी का इस्तेमाल किया होगा। आपको बता दें कि 100 करोड़ जबरन वसूली मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए थे। परमबीर सिंह को इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाया गया था और उनके स्थान पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले ने पदभार संभाला था। 

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पठान ने आरोप लगाया कि आतंकवाद-निरोधक दस्ते के तत्कालीन डीआईजी परमबीर सिंह ने कांस्टेबल से मोबाइल फोन ले लिया था। उन्होंने शिकायत में दावा किया है कि फोन आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले को सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन सिंह ने साक्ष्य के महत्वपूर्ण टुकड़े को नष्ट कर दिया। पूरे मामले पर परमबीर सिंह की टिप्पणी सामने नहीं आयी है। कसाब को 13 साल पहले मुंबई में कई जगहों पर हुए आतंकी हमले के दौरान जिंदा पकड़ा गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा उसकी मौत की सजा की सुनवाई और पुष्टि के बाद, उसे नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई थी।

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