संसद के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत, जानिये पहले दिन क्या-क्या हुआ ?

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अभिभाषण के दौरान सरकार की उपलब्धियों का जिक्र आने पर सदस्यों ने 107 बार मेज को थपथपा कर उनका स्वागत किया। वहीं, रालोपा सांसद हनुमान बेनिवाल ने ट्वीट कर एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्हें कृषि कानूनों के विरोध में अभिभाषण के दौरान पोस्टर लहराते दिखाया गया है।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण और विपक्ष की ओर से अभिभाषण का बहिष्कार किये जाने के साथ हुई है। बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन का सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने 100 से अधिक बार मेज थपथपा कर स्वागत किया हालांकि तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में 20 से अधिक विपक्षी दलों के बहिष्कार के कारण ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में काफी सीटें खाली थीं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सदस्य सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू ने तीन नये कृषि कानून के विरोध में नारेबाजी की।

107 बार थपथपायी गयीं मेजें

करीब एक घंटे के अभिभाषण के दौरान सरकार की उपलब्धियों का जिक्र आने पर केंद्रीय कक्ष में सदस्यों ने 107 बार मेज को थपथपा कर उनका स्वागत किया। वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनिवाल ने ट्वीट कर एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्हें कृषि कानूनों के विरोध में अभिभाषण के दौरान पोस्टर लहराते दिखाया गया है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के कुछ अंश का अनुवाद अंग्रेजी में पढ़ा।

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन

कोरोना वायरस महामारी के बीच दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया गया था। सदस्य एक दूसरे से निर्धारित दूरी बनाकर बैठे थे। इसके अलावा कुछ सदस्यों के लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में भी बैठने की व्यवस्था की गई थी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, बीजद के पिनाकी मिश्रा, मतृहरि माहताब, टीआरएस के नामा नागेश्ववर राव आदि भी मौजूद थे। केंद्रीय कक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में सदन के नेता थावर चंद गहलोत अगली कतार में बैठे थे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित अनेक केंद्रीय मंत्री सदन में मौजूद थे।

सरकारी योजनाओं का उल्लेख

अभिभाषण के दौरान कृषि सुधारों, न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, लघु सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि, कृषि बीमा, मत्स्य योजना, खाद्यान्न उत्पादन, कृषि कानूनों के उल्लेख पर कई बार तालियां बजी। प्रधानमंत्री सहित सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने राम मंदिर, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद चुनाव, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर ‘वोकल फार लोकल’ के जिक्र पर भी मेज थपथपायी। इसके अलावा मुद्रा योजना, महिलाओं की भागीदारी एवं स्वरोजगार, जनधन एवं उज्ज्वला योजना, नये एम्स को मंजूरी, शौचालयों का निर्माण का उल्लेख आने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया। सांसदों ने टीकाकरण अभियान, प्रत्यक्ष विदेश निवेश में वृद्धि, आधारभूत ढांचे के विकास के लिये निवेश, बोडो शांति समझौता, नक्सली हिंसा में कमी, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति भंग करने के प्रयास का जवाब देने का उल्लेख आने पर मेज थपथपाकर स्वागत किया।

तिरंगे के अपमान पर नाराजगी

राष्ट्रपति कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। हालांकि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया और जय जवान, जय किसान के नारे लगाए। कांग्रेस की तरफ से अकेले रवनीत सिंह बिट्टू केंद्रीय कक्ष पहुंचे थे क्योंकि कांग्रेस सहित 20 दलों ने तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। थोड़ी देर तक रवनीत ने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना। इसके बाद वह खड़े होकर तीनों नये कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग करने लगे। उन्होंने कहा कि सरकारों को तीनों कानून रद्द करने चाहिए और एमएसपी गारंटी दी जानी चाहिए। उसके बाद वह सदन से बाहर निकल गए। केंद्रीय कक्ष के बाहर से कुछ सदस्यों के नारेबाजी की आवाज भी कुछ देर अंदर सुनाई दी।

दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में चाणक्य और बाबासाहेब बीआर आंबेडकर के कथनों के साथ ही असम के कवि अंबिकागिरी रायचौधरी और मलयालम कवि वल्लथोल की उक्तियों का जिक्र किया तथा गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरीन्द्रनाथ टैगोर के एक ओजस्वी गीत की भी कुछ पंक्तियां पढ़ीं।

आर्थिक समीक्षा पेश

बजट सत्र के पहले दिन आज आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया गया और दोनों सदनों की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सोमवार एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। बजट से पहले संसद के पटल पर रखी गयी समीक्षा में अर्थव्यवस्था की स्थिति की विस्तार से जानकारी दी गयी है। आर्थिक समीक्षा के मुख्य बिंदुओं की बात करें तो इसमें मुख्य बात यही है कि भारत अगले दो वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभर सकता है। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक 2021-22 में देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार 11 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

लोकसभा में हंगामा

लोकसभा में जब कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस सांसदों ने विवादों में घिरे तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी की। राष्ट्रपति द्वारा बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के कुछ देर बाद लोकसभा की बैठक हुई। इस दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रति को सभापटल पर रखा गया। निचले सदन की बैठक के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज प्रस्तुत किया। इससे पहले जदयू के नवनिर्वाचित सांसद सुनील कुमार ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान सदन के सदस्य सुरेश अंगडी एवं 26 पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। इन दिवंगत पूर्व सदस्यों में रामविलास पासवान, राशिद मसूद, तरूण गोगोई, रामलाल राही, मोतीलाल बोरा, अहमद पटेल, जसवंत सिंह, सरदार बूटा सिंह शामिल हैं। सदन ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। लोकसभा अध्यक्ष ने देश के लिये बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों एवं कोरोना योद्धाओं को भी नमन किया।

अध्यक्ष ने जैसे ही सभापटल पर आवश्यक कागजात रखने का निर्देश दिया, वैसे ही कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौजूद थे। कांग्रेस सदस्य ‘काला कानून वापस लो, अन्नदाता पर जुल्म बंद करो’ जैसे नारे लगा रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सदन के माध्यम से ऐसा संदेश दे सकते हैं। हालांकि, सदस्यों का शोर शराब जारी रहा। सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।

प्रधानमंत्री मोदी का आह्वान

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन सांसदों से संसद का भरपूर उपयोग तथा लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए चर्चा के माध्यम से जनआकांक्षाओं की पूर्ति में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश को अपेक्षा है कि इस सत्र में सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत निकले।

कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों ने तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया। कांग्रेस सांसदों ने बजट सत्र के पहले दिन संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। इस धरने में राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश और कई अन्य सांसद शामिल हुए। कांग्रेस सांसदों ने ‘काला कानून वापस लो’ और ‘नरेंद्र मोदी, किसान विरोधी’ के नारे भी लगाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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