संसद में बैंक नोट, शत्रु सम्पत्ति अध्यादेश पेश किया गया

[email protected] । Jan 31 2017 4:42PM

संसद के दोनों सदनों में एक अध्यादेश रखा गया जिसमें 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों का आरबीआई से दायित्व समाप्त करने का प्रावधान किया गया है।

संसद के दोनों सदनों में एक अध्यादेश रखा गया जिसमें 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों का आरबीआई से दायित्व समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। लोकसभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया ने संविधान के अनुच्छेद 123 (2) (क) के तहत राष्ट्रपति द्वारा 30 दिसंबर 2016 को प्रख्यापित विर्निदिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) अध्यादेश, 2016 पटल पर रखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट अमान्य करने की घोषणा के मद्देनजर यह अध्यादेश पेश किया गया। विर्निदिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) अध्यादेश, 2016 पिछले वर्ष 30 दिसंबर को जारी किया गया था। अहलुवालिया ने सदन में राष्ट्रपति द्वारा 22 दिसंबर 2016 को प्रख्यापित शत्रु सम्पत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) पांचवां अध्यादेश 2016 पटल पर रखा। उन्होंने इसके साथ ही राष्ट्रपति द्वारा 28 दिसंबर 2016 को प्रख्यापित मजदूरी संदाय (संशोधन) अध्यादेश 2016 पटल पर रखा।

लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016.17 के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को भी पटल पर रखा। राज्यसभा में तीनों अध्यादेशों को संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन के पटल पर रखा। बैंक नोट संबंधी अध्यादेश में 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों की देयता से 31 दिसंबर 2016 के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक का कोई सरोकार न होने का जिक्र है। केंद्र सरकार की ओर से भी इन नोटों के लिए कोई गारंटी नहीं होगी।

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से एक बयान सदन के पटल पर रखा जिसमें 'शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं वैधता) 2016’ अध्यादेश को पिछले साल 22 दिसंबर को जारी करने की जरूरत का कारण बनी परिस्थितियों के बारे में बताया गया है। पारिश्रमिक संबंधी अध्यादेश पिछले साल 28 दिसंबर को जारी किया गया था। संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा संबोधित किए जाने के बाद इन अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखा गया।

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