मप्र में बोर्ड परीक्षा परिणाम वर्ग आधार पर जारी करने से उपजा विवाद

People Angry As Madhya Pradesh Declares Caste-Based Result For Board Exams
[email protected] । May 23 2018 7:00PM

मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में उत्तीर्ण विद्यार्थियों के नाम जातियों की श्रेणी में देने से विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में उत्तीर्ण विद्यार्थियों के नाम जातियों की श्रेणी में देने से विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का यह प्रयास प्रदेश को जाति के आधार पर विभाजित करने वाला है। हालांकि शिक्षा मंडल ने कहा कि 14 मई को घोषित किये गये परीक्षा परिणाम में विद्यार्थियों का जातियों की श्रेणी के आधार पर कोई विभाजन नहीं किया गया है। यह डाटा संकलित करने का एक प्रारूप मात्र था। जारी किये गये परिणामों में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या चार श्रेणियों सामान्य, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) में जारी की गयी थी।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने इस पर कहा कि यह भाजपा की ‘निम्नस्तरीय सोच’ को दर्शाता है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा प्रदेश को जातिगत आधार पर बांटने का कार्य कर रही है.... धार में एससी-एसटी गुदवाने के बाद अब हाईस्कूल के परिणामों को जातिगत आधार पर घोषित करना, भाजपा की निम्नस्तरीय सोच को दर्शाता है।’’

इस बीच, मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन एसआर मोहंती ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए इसे ‘गलत खबर’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल एक डाटा है…जो कि परीक्षा परिणाम में से निकाला गया है। इससे यह पता चलता है कि कुल कितने विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। इसमें से कितने विद्यार्थी ओबीसी के, कितने एससी के और कितने एसटी और अन्य वर्गों के विद्यार्थी हैं। सभी बोर्ड इस तरह का डाटा जारी करते हैं ...सीबीएसई भी जारी करता है।’’ मोहंती ने कहा, ‘‘बोर्ड विद्यार्थी की मार्कशीट पर जाति का उल्लेख नहीं करता है। यहां तक कि अब तक मार्कशीट छपी भी नहीं है, तो यह जाति आधारित विभाजन कैसे हुआ।’’

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