किसी भी तरह के सांप्रदायिक उकसावे में नहीं आएं लोग: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को आगाह किया कि वे किसी सांप्रदायिक उकसावे का शिकार नहीं हों। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं।
जलपाईगुड़ी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को आगाह किया कि वे किसी सांप्रदायिक उकसावे का शिकार नहीं हों। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं। जलपाईगुड़ी खेल परिसर में दोपहर एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल हर धर्म के हर व्यक्ति की जगह है। हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, आदिवासी, हिंदीभाषी और उर्दूभाषी रहते हैं...किसी भी तरह के सांप्रदायिक उकसावे के शिकार नहीं हों।’’ उन्होंने खुद को एक उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए कहा कि वह दुर्गा पूजा करती हैं, इफ्तार पार्टियों में शिरकत करती हैं और क्रिसमस के दौरान आधी रात को आयोजित होने वाली सामूहिक प्रार्थना में भी शामिल होती हैं। मुख्यमंत्री ने सभा में कहा, ‘‘मैं रोजा में हिस्सा लेती हूं और ऐसा करने पर कई लोग कहते हैं कि यह मेरे धर्म की बेअदबी है, लेकिन यदि रोजा में मेरा हिस्सा लेना मेरे धर्म के खिलाफ है तो मैं ऐसा कई बार करूंगी...मुझे परवाह नहीं है । मुझे ऐसे धर्म पर यकीन नहीं है जो लोगों के बीच प्यार का समर्थन नहीं करता। मुझे ऐसे धर्म में यकीन है जो लोगों को एक-दूसरे से प्यार करना सिखाता हो।’’
भाजपा या आरएसएस का नाम लिए बगैर ममता ने कहा कि वह तोड़फोड़ की राजनीति नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दुर्गा पूजा करती हूं और यह बात गर्व से कहती हूं। मुझे इसमें कोई हिचक नहीं है। दूसरे नेताओं की तरह मैं तोड़फोड़ की राजनीति नहीं करती। यदि कोई मुझे गुरूद्वारा नहीं जाने को कहे, तो मैं इस बात को नहीं मानूंगी। मैं ऐसे किसी शख्स की भी नहीं सुनुंगी जो मुझे चर्च जाने से रोकता हो...मैं वहां हजार बार जाऊंगी।’’ उत्तर बंगाल का पांच दिवसीय दौरा कर रहीं ममता ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि हम बंगाल की सरजमीं पर पैदा हुए...यह ऐसी सरजमीं है जहां उपद्रवियों की कोई जगह नहीं है...पुनर्जागरण की शुरूआत यहां से हुई। याद रखें कि हमारे बीच कोई विभाजन नहीं होना चाहिए। हमेशा याद रखें कि बंगाल खतरे से नहीं डरेगा।''
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