PM मोदी ने भारत ड्रोन महोत्सव 2022 का किया शुभारंभ, बोले- हर सेक्टर में बढ़ने वाला है Drone का इस्तेमाल

Narendra Modi
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये उत्सव सिर्फ एक तकनीक का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वनेंस का, नए प्रयोगों के प्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता का भी उत्सव है। 8 वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रगति मैदान में दो दिवसीय 'भारत ड्रोन महोत्सव 2022' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप सभी को भारत ड्रोन महोत्सव के आयोजन के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज इस ड्रोन प्रदर्शनी से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं। मेरे लिए आज बहुत सुखद अनुभव रहा। जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया, वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थे कि ये मेक इन इंडिया है। 

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उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। ये भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये उत्सव सिर्फ एक तकनीक का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वनेंस का, नए प्रयोगों के प्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता का भी उत्सव है। 8 वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के रास्ते पर चलते हुए जीवन में सुगमता, व्यापार करने में सुगमता को हमने प्राथमिकता बनाया।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर सेक्टर में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे वहां ये मान लिया गया था कि तकनीक सिर्फ अमीर लोगों का कारोबार है, सामान्य लोगों की जिंदगी में इसका कोई स्थान नहीं है। इस पूरी मानसिकता को बदलकर हमने तकनीक को सर्वजन के लिए सुलभ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और आगे भी उठाने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको गरीब विरोधी साबित करने की कोशिशें हुईं। इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा। इसका सबसे अधिक नुकसान देश के गरीब को हुआ, वंचित को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ। 

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उन्होंने कहा कि पहले के समय में लोगों को घंटों तक अनाज, कैरोसीन, चीनी के लिए लाइन लगानी होती थी। लोगों को डर रहता था कि उनके हिस्से का सामान उन्हें मिल भी पाएगा या नहीं। आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को समाप्त कर दिया है। अब लोगों को भरोसा है कि उनके हिस्से का उन्हें मिलेगा ही मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने लास्ट माइल डिलीवरी को सुनिश्चित करने में, परिपूर्णता के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है। मैं जानता हूं कि हम इसी गति से आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

इसी बीच उन्होंने कहा कि आज देश ने जो मजबूत, यूपीआई फ्रेमवर्क डवलप किया है, उसकी मदद से लाखों करोड़ रुपए गरीब के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं। महिलाओं को, किसानों को, विद्यार्थियों को अब सीधे सरकार से मदद मिल रही है। 21वीं सदी के नए भारत में, युवा भारत में, हमने देश को नई ताकत देने के लिए, स्पीड और स्केल देने के लिए तकनीक को अहम माध्यम बनाया है।

उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है। डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। इससे भेदभाव की गुंजाइश खत्म हुई है। इसमें बड़ी भूमिका ड्रोन की रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है। डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। इससे भेदभाव की गुंजाइश खत्म हुई है। इसमें बड़ी भूमिका ड्रोन की रही है। ड्रोन तकनीक हमारे कृषि सेक्टर को अब दूसरे स्तर पर ले जाने वाली है। स्मार्ट तकनीक आधारित ड्रोन इसमें बहुत काम आ सकते हैं।

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 270 ड्रोन के हैं स्टार्टअप्स

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारा अनुमान है कि 2026 तक ड्रोन का उद्योग 15,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। आज 270 ड्रोन के स्टार्टअप्स हैं, यह आने वाले वक्त में और बढ़ेंगे। आने वाले 5 साल में ड्रोन उद्योग में 5 लाख रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि ड्रोन निकट भविष्य में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत आगे लेकर जाएगा। ड्रोन क्रांति की चिंगारी सबसे पहले हमारे किसानों और गांव के लोगों ने पूरे देश में लगाई है। 

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