TERI World Sustainable Development Summit: PM मोदी बोले- भारतीयों की ऊर्जा जरूरतें 20 वर्षों में दोगुनी हो जाने की उम्मीद

narendra modi
अंकित सिंह । Feb 16 2022 6:54PM

नरेंद्र मोदी ने कहा कि गरीबों तक समान ऊर्जा पहुंच हमारी पर्यावरण नीति की आधारशिला रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से, 9 करोड़ से अधिक घरों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच प्रदान की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व सतत विकास सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और सतत विकास पर सदा मेरा ध्यान रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बहुत विविधताओं वाला देश है, जहां विश्व की आठ प्रतिशत प्रजातियां हैं और पारिस्थितिकी का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतें अगले 20 वर्षों में दोगुनी हो जाने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऊर्जा उपलब्ध कराने से इनकार करना लाखों लोगों को जीने से मना करने जैसा होगा। सफल जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त वित्त उपलब्ध होने की भी जरूरत है। इसके लिए, विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपने वादे पूरे करने की जरूरत है। 

मोदी ने कहा कि हमने सुना है कि लोग हमारे ग्रह को नाजुक कहते हैं। लेकिन, यह नाजुक नहीं है। हम नाजुक हैं। ग्रह, प्रकृति के प्रति हमारी प्रतिबद्धताएं भी नाजुक रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सफल जलवायु कार्रवाई के लिए विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपने वादों को पूरा करने की जरूरत है।मोदी ने कहा कि गरीबों तक समान ऊर्जा पहुंच हमारी पर्यावरण नीति की आधारशिला रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से, 9 करोड़ से अधिक घरों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच प्रदान की गई है। PM-KUSUM योजना के तहत हमने नवीकरणीय ऊर्जा को किसानों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि जलवायु से संबंधित कार्यों के लिए पर्याप्त पैसे की आवश्यकता होती है। इसके लिए विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की जरूरत है। भारतीयों की ऊर्जा जरूरतें 20 वर्षों में दोगुनी होने की उम्मीद है, इससे इनकार करना लाखों लोगों को जीने से मना करना होगा। 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से हमारा उद्देश्य है "वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड"। हमें हर समय हर जगह विश्वव्यापी ग्रिड से स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए। भारतीय हमेशा से प्रकृति के साथ सद्भाव में रहे हैं। हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज, दैनिक अभ्यास और कई फसल उत्सव प्रकृति के साथ हमारे मज़बूत बंधन को प्रदर्शित करते हैं। 

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