देश के सबसे स्वच्छ शहर में आयोजित Pravasi Bhartiya Divas सम्मेलन होगा ‘‘कार्बन न्यूट्रल’’

Pravasi Bhartiya Divas
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अधिकारी ने बुधवार को बताया कि करीब 3,000 लोगों की मौजूदगी वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हरित ऊर्जा के इस्तेमाल के साथ ही भोजन की बर्बादी रोकने समेत अलग-अलग उपाय किए जा रहे हैं ताकि कार्बन डाइ ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती की जा सके।

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आठ से 10 जनवरी के बीच आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को ‘‘कार्बन न्यूट्रल’’ (कार्बन तटस्थ) आयोजन बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बीड़ा उठा लिया है। इस तमगे को हासिल करने के लिए 3 आर (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) की उसी अवधारणा का सहारा लिया जाएगा जिसके इस्तेमाल से करीब 35 लाख आबादी का यह शहर केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षणों में लगातार छह सालों से अव्वल बना हुआ है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बुधवार को बताया कि करीब 3,000 लोगों की मौजूदगी वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हरित ऊर्जा के इस्तेमाल के साथ ही भोजन की बर्बादी रोकने समेत अलग-अलग उपाय किए जा रहे हैं ताकि कार्बन डाइ ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती की जा सके। कार्बन न्यूट्रल से तात्पर्य वातावरण में कार्बन उत्सर्जन और उसके अवशोषित होने के बीच संतुलन स्थापित करने से है। यह उपाय महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्बन डाइ ऑक्साइड सरीखी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

‘इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने पीटीआई- को बताया कि 3 आर की अवधारणा के आधार पर प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को ‘‘कार्बन न्यूट्रल’’ बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के लिए एक सरकारी बिजली वितरण कम्पनी को अतिरिक्त शुल्क चुका कर हरित ऊर्जा खरीदी जा रही है। सिंह ने बताया कि सम्मेलन में बिजली की खपत और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने के लिए एलईडी बल्बों तथा पांच सितारा रेटिंग वाले एयरकंडीशनरों का इस्तेमाल किया जाएगा।

उन्होंने बताया, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन शून्य अपशिष्ट (जीरो वेस्ट) आयोजन भी होगा। सम्मेलन के दौरान खाने व पानी की बर्बादी पर भी अंकुश लगाया जाएगा और थालियों में बचने वाले भोजन का प्रसंस्करण कर इससे खाद बनाई जाएगी। सिंह ने बताया कि सम्मेलन की समाप्ति के बाद अलग-अलग देशों के मेहमानों की हवाई यात्राओं, उनके स्थानीय दौरों और आयोजन से जुड़ी अन्य मानवीय गतिविधियों से कार्बन उत्सर्जन का अनुमान लगाया जाएगा तथा इसकी भरपाई के लिए मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) द्वारा आईएमसी से कार्बन क्रेडिट खरीदे जाएंगे।

उन्होंने बताया, आईएमसी के खाते में 2.5 लाख कार्बन क्रेडिट पहले ही मौजूद हैं। ये कार्बन क्रेडिट शहर में कचरे के प्रबंधन, निपटारे और प्रसंस्करण के इंतजामों से कमाए गए हैं। आईएमसी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में सरकार द्वारा बिजली या सीएनजी से चलने वाले वाहनों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की कोशिश की जाएगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए शहर की स्कीम नम्बर 113 में ‘‘ग्लोबल पार्क’’ विकसित किया जा रहा है और सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमान इसमें अलग-अलग किस्मों के 3,000 पौधे रोपेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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