दिव्यांगों के लिए सुविधाओं वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को मान्यता प्रक्रिया के दौरान वरीयता: यूजीसी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के प्रभावी और समय पर कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए मंगलवार को यूजीसी द्वारा आयोजित अंतर-नियामक प्राधिकरण बैठक में यह निर्णय लिया गया।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि दिव्यांगों के लिए सुविधाओं वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को मान्यता प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त वरीयता दी जाएगी।
शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में तेरह नियामक प्राधिकारियों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मान्यता के लिए आवेदन करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को एक सलाह जारी करने और ‘डीम्ड-टू-बी’ और निजी विश्वविद्यालय से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए एक निगरानी समिति गठित करने का निर्णय लिया भी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के प्रभावी और समय पर कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए मंगलवार को यूजीसी द्वारा आयोजित अंतर-नियामक प्राधिकरण बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कुमार ने कहा, ‘‘उन विश्वविद्यालयों या संस्थानों को एनएएसी (राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद) मान्यता मानदंडों में वरीयता दी जाएगी जिनके पास आरसीआई (भारतीय पुनर्वास परिषद) दिशानिर्देशों के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुविधाएं होंगी। सभी नियामक संकाय चयन या पदोन्नति दिशानिर्देशों की समीक्षा करेंगे और उन्हें यूजीसी विनियमों के साथ संरेखित करेंगे ताकि विसंगतियों से बचा जा सके।
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