बहुलता भारत की सबसे बड़ी ताकत, संसाधनों पर सभी का बराबर हकः राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ''''हमारा देश, इस समय एक महत्वपूर्ण मुकाम पर है। हमारे आज के निर्णय और कार्यकलाप, इक्कीसवीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेंगे।’’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बहुलता को देश की सबसे बड़ी ताकत और विविधता, लोकतंत्र एवं विकास को पूरी दुनिया में मिसाल बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश इस समय एक महत्वपूर्ण मुकाम पर है और हमारा आज के निर्णय और कार्यकलाप 21वीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ''हमारा देश, इस समय एक महत्वपूर्ण मुकाम पर है। हमारे आज के निर्णय और कार्यकलाप, इक्कीसवीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेंगे।’’
आज दुनिया की निगाहें, हमारे युवा उद्यमियों और हमारी अर्थ-व्यवस्था पर टिकी हुई हैं। pic.twitter.com/tF39fUYb1M
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2019
उन्होंने कहा कि सभी भारतवासियों को इस वर्ष एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभाने का अवसर मिलने जा रहा है। सत्रहवीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए होने वाले आम-चुनाव में, हम सबको अपने मताधिकार का उपयोग करना है देशवासियों से आगामी चुनाव में मतदान करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव के दौरान सभी मताधिकार का उपयोग, अपनी लोकतान्त्रिक मान्यताओं और मूल्यों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ करें। यह चुनाव, इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता पहली बार मतदान करेंगे और नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे।
देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है। pic.twitter.com/gawZtBGeRJ
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कोविंद ने कहा, ''देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है, चाहे हम किसी भी समूह के हों, किसी भी समुदाय के हों, या किसी भी क्षेत्र के हों।’’ उन्होंने कहा, ''भारत की बहुलता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारी डाइवर्सिटी (विविधता), डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) और डेवलपमेंट (विकास) पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे महान गणतंत्र ने एक लंबी यात्रा तय की है। लेकिन अभी हमें बहुत आगे जाना है। उन्होंने कहा, ''हमारे जो भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन सबको साथ लेकर हमें आगे बढ़ना है। 21वीं सदी के लिए, हमें अपने लक्ष्यों और उपलब्धियों के नए मानदंड निर्धारित करने हैं।’’
सत्रहवीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए होने वाले आम-चुनाव में, हम सबको अपने मताधिकार का प्रयोग करना है। pic.twitter.com/XaBkMmkSpZ
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कोविंद ने कहा कि सभी वर्गों और सभी समुदायों को समुचित स्थान देने वाले राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें हर बेटी-बेटे की विशेषता, क्षमता और प्रतिभा की पहचान हो, और उसके विकास के लिए हर तरह की सुविधाएं और प्रोत्साहन उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, परम्परा और जीवन-आदर्शों में लोक-सेवा का बहुत अधिक महत्व है। सभी के हृदय में, उन व्यक्तियों और संस्थाओं के प्रति सदैव सम्मान का भाव रहा है, जो अपने सामान्य कर्तव्यों की सीमाओं से ऊपर उठकर लोक-सेवा के लिए समर्पित रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सभी को यह याद रखना है कि यह समय हमारे देशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने और विकसित भारत के निर्माण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। हाल ही में सामान्य श्रेणी के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने संबंधी संविधान संशोधन पहल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसी माह, संविधान-संशोधन के द्वारा गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार के विशेष अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और आर्थिक नैतिकता के मानदंडों पर ज़ोर देकर, समावेशी विकास के कार्य को और भी व्यापक आधार दिया गया है।
हमारा संविधान, हमारे गणराज्य की आधारशिला है। यह एक दूरदर्शी और जीवन्त दस्तावेज है। pic.twitter.com/fVcEq3ADlW
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