राष्ट्रपति ने NSIT विधेयक दिल्ली सरकार को लौटाया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान (एनएसआईटी) विधेयक दिल्ली विधानसभा को लौटा दिया है। राष्ट्रपति ने सदन से कहा है कि वह विधेयक पर फिर से विचार करे और उसमें संशोधन करे। एनएसआईटी को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए यह विधेयक लाया गया था। जून 2015 में दिल्ली विधानसभा ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से पेश किया गया एनएसआईटी विधेयक पारित किया था। विधेयक पारित करने के बाद विधानसभा ने इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा था।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति ने उप-राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 1991 के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम की धारा 25 के तहत निर्धारित प्रावधानों के मुताबिक विधेयक को विधानसभा को लौटा दें ताकि वह इस पर फिर से विचार करे और इसमें संशोधन करे।’’ यह बात उस वक्त सामने आई जब विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बुधवार को सदन को बताया कि उन्हें पिछले हफ्ते उप-राज्यपाल कार्यालय से एक पत्र मिला जिसके तहत एनएसआईटी विधयेक को लौटा कर उस पर फिर से विचार करने को कहा गया है।
गोयल ने अभी चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सदन को बताया, ‘‘उप-राज्यपाल ने नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान (एनएसआईटी) विधेयक लौटाते हुए उस पर पुनर्विचार के लिए कहा है।’’ अभी दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका स्थित एनएसआईटी दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध है। दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने कुछ दिन पहले डीटीसी बस किराए में कटौती की फाइल ‘आप’ सरकार को लौटा दी थी।
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