पुलवामा अटैक: सीतारमण ने कहा, 5 साल के वर्षों में आतंकवाद की बहुत कम घटनाएं हुईं

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एक प्रतिभागी ने यह पूछा कि क्यों भारत पुलवामा आतंकवादी हमले पर उस तरह से जवाब नहीं दे सकता जैसा अमेरिका ने तब दिया जब वह ओसामा बिन लादेन का पीछा करते हुए पाकिस्तान गया।

बेंगलुरू। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमला नहीं होना चाहिए था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए लेकिन कई हमलों को विफल करने के सरकार के प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि 2014 से पहले की तुलना में पिछले पांच वर्षों में बहुत कम आतंकवादी घटनाएं हुईं हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं आपको अनुपात में नहीं बता सकती। यदि मैं अवधि को देखूं....2014 से पहले की तुलना में, पिछले पांच वर्षों में आतंकवाद बहुत कम है।’’

द थिंकर्स फोरम की ओर से आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि उरी, पठानकोट और पुलवामा में आतंकवादी हमलों के बाद उनपर निशाना साधा गया। उन्होंने यद्यपि दावा किया कि संप्रग शासन की तुलना में जम्मू कश्मीर में घटनाओं को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में शांति है। एक प्रतिभागी ने यह पूछा कि क्यों भारत पुलवामा आतंकवादी हमले पर उस तरह से जवाब नहीं दे सकता जैसा अमेरिका ने तब दिया जब वह ओसामा बिन लादेन का पीछा करते हुए पाकिस्तान गया। 

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उन्होंने प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और जो इसके लिए सीधे या परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं उन्हें एक भारी कीमत चुकानी होगी। सीतारमण ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब नहीं देने का चयन किया लेकिन यह ध्यान दिलाया कि राज्य में अलगाववादियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार का रुख ‘‘रचनात्मक, प्रगतिशील कार्य’’ करना है जिससे सभी लोगों को लाभ पहुंचे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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