पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया

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राजभवन और आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार के बीच टकराव के बाद राज्यपाल ने राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने की स्वीकृति दी थी। राज्यपाल ने 21 सितंबर को इस विशेष विधानसभा सत्र को आयोजित करने की अनुमति तब वापस ले ली थी जब आप सरकार केवल विश्वास प्रस्ताव लाना चाहती थी।

राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा सत्र आयोजित करने की मंजूरी दिए जाने के दो दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है और कांग्रेस उसका साथ दे रही है। तीन अक्टूबर को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा। आप ने हाल में दावा किया था कि ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत भाजपा ने उसकी छह महीने पुरानी सरकार को गिराने के लिए पच्चीस-पच्चीस करोड़ रुपये की पेशकश के साथ उसके कम से कम 10 विधायकों से संपर्क किया।

इसके बाद मान 22 सितंबर को एक विशेष सत्र बुलाना चाहते थे। राजभवन और आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार के बीच टकराव के बाद राज्यपाल ने राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने की स्वीकृति दी थी। राज्यपाल ने 21 सितंबर को इस विशेष विधानसभा सत्र को आयोजित करने की अनुमति तब वापस ले ली थी जब आप सरकार केवल विश्वास प्रस्ताव लाना चाहती थी। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को सदन बुलाने के राज्य सरकार के अनुरोध को तब मंजूरी दी थी, जब उन्हें सूचित किया गया कि एक दिवसीय सत्र के दौरान पराली जलाने, माल और सेवा कर तथा बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

सदन की कार्यवाही मंगलवार को तीन बार स्थगित की गई क्योंकि कांग्रेस विधायकों ने कार्यवाही बाधित की। कांग्रेस विधायकों के बाहर जाने के बाद प्रस्ताव लाया गया जबकि भाजपा विधायकों ने बहिर्गमन किया। भाजपा ने यहां अपने राज्य इकाई कार्यालय के पास एक मॉक सत्र आयोजित किया और आप सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। कांग्रेस विधायकों ने भी सदन के बाहर मॉक सत्र का आयोजन किया। सदन में मान ने कांग्रेस पर भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके विधायक सदन में चर्चा से भाग गए।

विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से विश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर मिलेंगे और उन्हें तथा सदन को गुमराह करने को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आग्रह करेंगे। चर्चा के दौरान मान ने राजस्थान के राजनीतिक संकट को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ऐसी स्थिति में है कि कोई भी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनना चाहता। मान ने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि पार्टी का मानना है कि हर जगह उसे ही सत्ता में होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के तीन करोड़ लोगों ने हम पर भरोसा जताया है... मुझे अपने 91 सिपाहियों (आप विधायकों) पर पूरा भरोसा है।’’ मान ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि भाजपा द्वारा विधायकों को हथियाने की कोशिश किए जाने के बाद कांग्रेस आप के साथ खड़ी होगी लेकिन ऐसा लग रहा है कि वह ऑपरेशन लोटस का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में भी विधायकों को खरीदने की कोशिश की। मान ने कहा, ‘‘हमारे विधायक बाजार में बिक्री के लिए नहीं हैं।’’ उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी कई जनविरोधी फैसले लेने का आरोप लगाया।

इससे पहले, सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित करने को लेकर अध्यक्ष ने कुछ कांग्रेस विधायकों का नाम लिया। श्रद्धांजलि के पश्चात सदन के पुन: समवेत होने के बाद, अध्यक्ष ने सदन की कार्य सलाहकार समिति की रिपोर्ट को पढ़ते हुए मुख्यमंत्री द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव के बारे में सदन को सूचित किया। उन्होंने यह भी कहा कि सत्र को तीन अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। भाजपा के दो विधायक अश्विनी शर्मा और जंगी लाल महाजन ने सदन की समिति की बैठक में नहीं बुलाए जाने का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आप सरकार के इस कदम पर सवाल उठाया। बाजवा ने कहा कि नियम में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि सत्ताधारी दल विश्वास प्रस्ताव ला सकता है। उन्होंने अध्यक्ष से कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जब उन्होंने विश्वास प्रस्ताव के बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं दिया गया। बाजवा ने पंजाब के राज्यपाल का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मतलब है कि संवैधानिक प्रमुख के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया जा रहा है। उन्होंने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि आपने मूल रूप से राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती दी है।

कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने अध्यक्ष से शून्यकाल की मांग की, जिन्होंने उनसे कहा कि उन्हें बाद में पर्याप्त समय दिया जाएगा। लेकिन खैरा अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ अपनी मांग पर अड़े रहे, जिससे अध्यक्ष को सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। मान और मंत्री अमन अरोड़ा जब बोलने के लिए उठे तो शून्यकाल की मांग कर रहे और साथ ही विश्वास प्रस्ताव का विरोध कर रहे कांग्रेस सदस्यों ने उन्हें बार-बार बाधित किया। इसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें नारे नहीं लगाने के लिए कहा लेकिन कांग्रेस विधायक सदन में आसन के समक्ष पहुंच गए।

मान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, जो लोग हमें कानून सिखाना चाहते हैं, उन्हें पहले अपना घर संभालना चाहिए। उन्होंने कहा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा में वे अपने घर की देखभाल नहीं कर सके। आप यहां किसी भी चीज पर बहस नहीं होने देते, बाहर आप मांग करते हैं कि सदन लंबी अवधि का हो। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अरोड़ा ने कहा कि पार्टी भाजपा की बी-टीम की तरह काम कर रही है। अध्यक्ष ने सदन को लगातार बाधित करने को लेकर सभी कांग्रेस विधायकों का नाम लिया और मार्शलों को उन्हें बाहर निकालने के लिए कहा।

बाद में कांग्रेस विधायकों ने धरना दिया और सदन के बाहर मॉक सत्र आयोजित किया। इस बीच, यहां सेक्टर 37 में अपने पार्टी कार्यालय के पास भाजपा द्वारा आयोजित मॉक सत्र में पार्टी नेता सुनील जाखड़ ने आप सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। आप के विश्वास प्रस्ताव के बारे में जाखड़ ने कहा, यह संविधान के साथ धोखा है। सरकार ने (राज्यपाल से) अनुमति ली किसी और चीज की तथा किया कुछ और..। भाजपा के मॉक सत्र में, छह प्रस्तावों को लिया गया, जिनमें मादक पदार्थ, किसानों की दुर्दशा, कानून-व्यवस्था और आप के महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये देने के वादे को ‘‘पूरा नहीं करना’’ शामिल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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