दिल्ली विश्वविद्यालय में रैगिंग करना पड़ेगा भारी, सतर्कता दस्ता तैनात

दिल्ली विश्वविद्यालय ने अनुशासनहीनता करने से रोकने और रैगिंग रोकने के लिए उपाय साझा किए है। यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती भी की गई है। हर कॉलेज में सतर्कता दस्ता भी तैनात किया गया है।
नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में नए शैक्षणिक सत्र से अनुशासन बनाए रखने के लिए लागू किए जाने वाले उपायों में कॉलेजों के बाहर सादे कपड़ों में महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती, पूरे परिसर में रैगिंग रोधी पोस्टर, हर कॉलेज में सतर्कता दस्ते की तैनाती और पुलिस पिकेट शामिल हैं। नए सत्र की शुरुआत के दौरान छात्रों की सुविधा के वास्ते किए जाने वाले उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड की एक बैठक हुई।
बैठक के दौरान दिल्ली पुलिस के अधिकारी और विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैठक में विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों में अनुशासन बनाए रखने और रैगिंग की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
डीयू के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा कि इस संबंध में, कॉलेज और विभागों से समय-समय पर जारी नियमों और विनियमों को सख्ती से लागू करने का अनुरोध किया गया है, विशेष रूप से अध्यादेश एक्सवी-बी, एक्सवी-सी और कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (2013 का 14)। गुप्ता ने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं और छात्रावास में रहने वालों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी प्रवेश के समय रैगिंग रोधी शपथपत्र देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उत्तरी और दक्षिणी परिसरों में एक-एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा जो दो नवंबर, 2022से शुरू होगा और 11 नवंबर, 2022 तक चालू रहेगा। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी और दक्षिणी परिसरों में महत्वपूर्ण स्थानों पर अंग्रेजी और हिंदी में रैगिंग रोधी पोस्टर लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कॉलेज, केंद्रों और छात्रावासों से अनुरोध किया गया है कि वे बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करें और अपने-अपने संस्थानों में रैगिंग निषेध के संबंध में नियमों को प्रमुखता से प्रदर्शित करें। गुप्ता ने कहा कि सभी कॉलेज, संकाय, विभाग और छात्रावासों से अनुरोध किया गया है कि रैगिंग की निगरानी के लिए जहां भी संभव हो एनसीसी/एनएसएस छात्रों के स्वयंसेवकों की मदद से एक रैगिंग रोधी, अनुशासनात्मक समिति और सतर्कता दस्ते का गठन किया जाए।
उन्होंने कहा कि हर कॉलेज के बाहर पुलिस पिकेट होंगी और महिला कॉलेजों को विशेष सहायता दी जाएगी। गुप्ता ने कहा कि अनुशासनहीनता, रैगिंग के किसी भी कृत्य से विश्वविद्यालय के कानूनों के तहत सख्ती से निपटा जाएगा। दिल्ली पुलिस ने आश्वासन दिया है कि सादे कपड़ों में महिला पुलिस विश्वविद्यालय के साथ-साथ प्रत्येक कॉलेज परिसर के बाहर भी तैनात की जाएगी।
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