रेल मंत्रालय: निर्धारित भर्ती प्रक्रिया के बगैर प्रशिक्षुओं की सीधी नियुक्ति की मांग मंजूर नहीं

railway

बयान के मुताबिक रेलवे अगस्त 1963 से प्रशिक्षु अधिनियम के तहत आवेदकों को प्रशिक्षित करता है। जो लोग आवेदन करते हैं उनकी शैक्षणिक योग्यता को देखकर बिना किसी परीक्षा के प्रशिक्षु को बस प्रशिक्षण दिया जाता है।

रेल मंत्रालय ने प्रशिक्षुओं (अपरेंटिस) की सीधी नियुक्ति की मांग को मानने से मना कर दिया है। रेलवे में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को बहाली में अन्य उम्मीदवारों के पर वरीयता दी जाती है। लेकिन इसके लिए प्रशिक्षुओं को न्यूनतम अर्हक अंक और चिकित्सा मानदंड को पूरा करना होता है। रेल मंत्रालय ने कहा है कि निर्धारित भर्ती प्रक्रिया के बगैर प्रशिक्षुओं की बहाली की मांग स्वीकार्य योग्य नहीं है। क्योंकि यह मांग संवैधानिक प्रावधानों और सरकारी नौकरी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसलों के खिलाफ है।

आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसलों में यह कहा गया है कि बिना पारदर्शी चयन प्रक्रिया के सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती। बयान के मुताबिक रेलवे अगस्त 1963 से प्रशिक्षु अधिनियम के तहत आवेदकों को प्रशिक्षित करता है। जो लोग आवेदन करते हैं उनकी शैक्षणिक योग्यता को देखकर बिना किसी परीक्षा के प्रशिक्षु को बस प्रशिक्षण दिया जाता है। जो उम्मीदवार प्रशिक्षण पूरा कर लेते हैं उन्हें केवल लेवल 1 के पदों के लिए स्थानापन्न के तौर पर रखा जाता है। ऐसे अस्थाई कर्मचारियों के लिए बहाली की निर्धारित प्रक्रिया के बिना इन कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति नहीं की जा सकती।

आपकी जानकारी के लिए बता दें रेलवे 2017 से बहाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं आयोजित करता है। इस परीक्षा में रेलवे द्वारा प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को अन्य उम्मीदवारों पर वरीयता दी जाती है, लेकिन अब इन प्रशिक्षुओं की मांग है कि बहाली प्रक्रिया के बिना ही उनकी नियुक्ति सीधे की जाए।

गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने नान टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) के रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप के चलते अभ्यर्थियों ने 24 जनवरी से प्रदर्शन करना शुरू किया था। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों द्वारा यूपी और बिहार में रेलवे की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया गया। अभ्यर्थियों के विरोध को देखते हुए रेलवे ने परीक्षा को स्थगित कर दिया। अभ्यर्थियों की शिकायतों के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़