पायलट के बयान से राजस्थान कांग्रेस में उठापटक तेज, संकट में अशोक गहलोत सरकार!
यह पहली बार नहीं है जब पायलट ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है इससे पहले भी पहलू खान मामले में राज्य सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार ने देरी की है और मामले में एसआईटी का गठन पहले हो जाना चाहिए था। जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह अपने-अपने अनुभव की बात है।
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया व प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान और बगावत की खबरों के बीच जिन राज्यों में कांग्रेस में अंदरूनी कलह चल रही है उसमें राजस्थान का नाम भी शुमार हो गया है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार की कमान दिग्गज नेता अशोक गहलोत के हाथ में है। लेकिन वहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीच-बीच में इस तरह की खबरें आती रही हैं कि उनके और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है। वैसे तो कई मौके पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग देखने को मिली है। लेकिन एक बार फिर सूबे के उपकप्तान ने अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है और मुद्दा बना है प्रदेश की कानून व्यवस्था। पायलट ने जयपुर में कहा कि जिस तरह से राज्य में कुछ घटनाएं हुई हैं वे नहीं होनी चाहिए थीं। कानून-व्यवस्था हमारी जिम्मेदारी है। पायलट का इशारा अलवर के बहरोड़ जेलब्रेक कांड की तरफ था।
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उन्होंने कहा कि अलवर में जिस तरह से जेलब्रेक हुआ या फिर दूसरी जगह पर घटनाएं हुई हैं, यह नहीं होनी चाहिए थी। हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हमारी मां-बेटियां सुरक्षित रहें और सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। सचिन पायलट से जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद राज्य में गृह मंत्री की भूमिका में हैं, ऐसे में पार्ट टाइम गृह मंत्री होने की वजह से कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है, तो इस पर उन्होंने कोई कमेंट नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमें कानून-व्यवस्था को और ठीक करने पर ध्यान देना होगा।
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