Prabhasakshi NewsRoom: Gehlot समर्थक विधायक अड़े, सचिन पायलट का मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं

rajasthan political crisis
Prabhasakshi

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार कई विधायकों द्वारा विधायक दल की बैठक से पहले अपने इस्तीफे रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को सौंप दिये गये थे। यह इस्तीफे रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक से ठीक पहले सौंपे गये थे।

राजस्थान में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने से साफ इंकार कर दिया है। 90 से ज्यादा विधायकों ने जिस तरह कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ रुख अख्तियार किया है उससे गांधी परिवार आश्चर्यचकित है। गांधी परिवार ने जिन अशोक गहलोत पर पूरा भरोसा कर उनका नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया वह किसी भी सूरत में सचिन पायलट को अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक जयपुर में जमे हुए हैं लेकिन विधायक उनसे मिलने को तैयार नहीं हैं जिसके बाद अजय माकन को कहना पड़ा है कि विधायक अब अनुशासनहीनता कर रहे हैं क्योंकि आलाकमान के निर्देश सभी को मानने ही होते हैं। जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम मामले का जल्द से जल्द हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर गहलोत समर्थक विधायक भी ठान कर बैठे हैं कि गहलोत के हटने की सूरत में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के अलावा मुख्यमंत्री के रूप में कोई अन्य स्वीकार नहीं होगा।

हम आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार कई विधायकों द्वारा विधायक दल की बैठक से पहले अपने इस्तीफे रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को सौंप दिये गये थे। यह इस्तीफे रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक से ठीक पहले सौंपे गये थे। दरअसल रविवार रात मुख्यमंत्री निवास में विधायक दल की बैठक होनी थी, लेकिन इससे पहले ही गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक करने के बाद सभी विधायक डॉ. सीपी जोशी के आवास पर पहुंचे और अपने इस्तीफे उन्हें सौंप दिए। वहीं, केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन, गहलोत, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कुछ अन्य विधायक देर रात तक मुख्यमंत्री आवास में इंतजार करते रहे कि विधायक आयें तो बैठक शुरू हो लेकिन विधायकों के नहीं आने से विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी।

इसे भी पढ़ें: क्या गहलोत ने की अनुशासनहीनता! अजय माकन बोले- कांग्रेस को पूरी तरह एकजुट रहने की जरूरत

ऐसा माना जा रहा है कि पर्यवेक्षक अब राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए गहलोत के वफादार विधायकों को एक-एक करके उनसे मिलने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। गहलोत के वफादारों ने दावा किया है कि 90 से अधिक विधायक डॉ. सीपी जोशी के आवास गए थे, लेकिन इस संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। हम आपको बता दें कि कुल 200 सदस्यों वाले सदन में कांग्रेस के 108 विधायक हैं। पार्टी को 13 निर्दलीय उम्मीदवारों का भी समर्थन प्राप्त है। विधायकों के इस्तीफों के बारे में डॉ. सीपी जोशी के कार्यालय से अभी कुछ नहीं कहा गया है।

इस बीच रिपोर्टें हैं कि गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा के अलावा मंत्रियों धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी ने कांग्रेस पर्यवेक्षकों से मुलाकात की, लेकिन गतिरोध बना हुआ है। सूत्रों ने बताया है कि गहलोत के वफादार विधायकों की ओर से तीन शर्तें रखी गई हैं। उन्होंने बताया कि गहलोत समर्थक विधायक चाहते हैं कि राज्य में नए मुख्यमंत्री के बारे में फैसला तब तक न किया जाए, जब तक कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव नहीं हो जाते। सूत्रों के अनुसार, गहलोत समर्थक विधायकों ने इस बात पर भी जोर दिया कि नए मुख्यमंत्री के चयन में गहलोत की राय को तवज्जो दी जाए और यह उन विधायकों में से एक होना चाहिए, जो 2020 में सचिन पायलट समर्थकों द्वारा विद्रोह के दौरान सरकार बचाने के लिए खड़े रहे।

इसे भी पढ़ें: राजस्थान में गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा

इस बीच, राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात कहा, ‘‘हमने इस्तीफे दे दिए हैं। अब फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है कि आगे क्या करना है।’’ महेश जोशी ने कहा, ‘‘हमने अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा दी है... उम्मीद करते हैं कि आने वाले जो फैसले होंगे, उनमें इन बातों का ध्यान रखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधायक चाहते हैं कि जो कांग्रेस अध्यक्ष एवं आलाकमान के प्रति निष्ठावान रहे हैं उनका पार्टी पूरा ध्यान रखे।'' इससे पहले, राज्य के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडिया से कहा, ‘‘हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 100 विधायकों ने।’’ मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव होने तक (गहलोत के उत्तराधिकारी को लेकर) कोई बात नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि राजधानी जयपुर में यह सारा घटनाक्रम विधायक दल की बैठक में गहलोत का उत्तराधिकारी चुनने की संभावनाओं के बीच हुआ। इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है। गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उनका उत्तराधिकारी चुने जाने की चर्चा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़