आयुध निर्माणियों को और मजबूत बनाने को लेकर राजनाथ सिंह ने की उच्च स्तरीय बैठक

Rajnath Singh

मोदी ने कहा था, ‘‘हालत ऐसे हैं कि छोटे हथियारों के लिए भी हमें दूसरे राष्ट्रों की ओर देखना होगा। भारत सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से है और यह गर्व की बात नहीं है।

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की वर्तमान और भविष्य की रक्षा आवश्यकताओं के अनुसार आयुध निमार्णियों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सभी संभावित कदमों का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह बैठक सरकार द्वारा आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कॉरपोरेट संस्थाओं में बदलने के फैसले के बीच हुई है। ओएफबी रक्षा मंत्रालय के तहत एक इकाई है और यह तीनों सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों को महत्वपूर्ण हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करती है। 

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रक्षा से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेने वाले देश के शीर्ष निकाय रक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले वर्ष जुलाई में हुई बैठक में ओएफबी को एक या एक से अधिक 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं में बदलने की मंजूरी दी थी। रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट के प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर पिछले सप्ताह आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘‘आजादी से पहले, हमारे पास सैकड़ों आयुध कारखाने थे। दोनों विश्व युद्धों में बड़े पैमाने पर हथियार भारत से निर्यात किये गए लेकिन विभिन्न कारणों से, इस प्रणाली को उतना मजबूत नहीं किया गया जितना आजादी के बाद होना चाहिए था।’’ मोदी ने कहा था, ‘‘हालत ऐसे हैं कि छोटे हथियारों के लिए भी हमें दूसरे राष्ट्रों की ओर देखना होगा। भारत सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से है और यह गर्व की बात नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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