ITBP के लिए ताप-नियंत्रित चौकियां बनाने पर किया जा रहा है विचार: राजनाथ
![Rajnath Singh says In wake of standoffs ITBP jawans being trained in Chinese language Rajnath Singh says In wake of standoffs ITBP jawans being trained in Chinese language](https://images.prabhasakshi.com/2017/10/_650x_2017102420004061.jpg)
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार भारत-चीन सीमा पर शून्य से नीचे के तापमान पर हिमालय की बुलंदियों पर पहरे दे रहे आईटीबीपी जवानों के लिए 50 ताप नियंत्रित चौकियां बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
ग्रेटर नोएडा (उप्र)। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार भारत-चीन सीमा पर शून्य से नीचे के तापमान पर हिमालय की बुलंदियों पर पहरे दे रहे आईटीबीपी जवानों के लिए 50 ताप नियंत्रित चौकियां बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सिंह ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी ) के स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में बल के जवानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए बल की क्षमता बढ़ाने के लिए कई अन्य कदमों का एलान किया। इन कदमों में अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 25 सीमा सड़कों का निर्माण शामिल है। भारत-चीन सीमा पर लद्दाख के कराकोरम दर्रे से ले कर अरुणाचल प्रदेश के जाचेप ला में 176 सीमा चौकियां हैं।
सिंह के अनुसार सरकार प्रस्तावित नई चौकियों में 20 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखने की प्रौद्योगिकी इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। ये चौकियां ज्यादा ऊंचाइयों वाले इलाकों में स्थित हैं जहां आईटीबीपी के जवान बर्फ की आंधियों और शून्य से भी कम तापमान का सामना करते हैं। गृह मंत्री ने कहा ‘‘हम आपकी परिचालन एवं अवसंरचना क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हाल ही में हमें बल के लिए 50 नयी सीमा चौकियां बनाने का एक प्रस्ताव मिला है और हम उस पर काम कर रहे हैं।’’ अतिरिक्त सीमा चौकियों की स्थापना का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बेहद बर्फीली स्थितियों और ठंड में उनका परित्याग नहीं हो।
सरकार 9,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए विशेष रूप से कम वजन वाले गर्म कपड़े और 3,488 किमी लंबी चीन भारत सीमा के अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में गश्त के लिए बर्फ पर चलने वाले स्कूटरों का विस्तारित बेड़ा देने पर विचार कर रही है। आईटीबीपी के जवान 9000 से ले कर 18,700 फुट तक की ऊंचाई तक पश्चिमी, मध्य और पूर्वी सेक्टरों पर सीमा की चौकसी कर रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘हमने लद्दाख में एक मॉडल सीमा चौकी बनाई है जिसमें तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस तक बरकरार रखा जा सकता है। हम सिक्किम में तथा इस सीमा के पूर्वी हिस्से में ऐसी और सीमा चौकियां बनाएंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि वह 1962 में स्थापित इस बल के पास उपलब्ध आवासीय एवं अवसंरचना सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं और इन क्षेत्रों में सुधार के लिए ‘‘गंभीरता’’ से काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि बल की 35 पुरानी सीमा चौकियां अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हैं और उनका ‘‘समग्र यूनिटों’’ के तौर पर उन्नयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा ‘‘हम आईटीबीपी के लिए सीमा क्षेत्रों में सड़क, मोबाइल एवं उपग्रह संपर्क बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।’’ गृह मंत्री ने आईटीपीबी जवानों से कहा कि वे सीमा क्षेत्रों के निवासियों से अच्छे संबंध सुनिश्चित करें जिन्हें उन्होंने देश की ‘‘सामरिक संपत्ति’’ तथा सीमाओं को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण पक्षकार करार दिया।
सिंह ने कहा कि आए दिन भारतीय और चीनी सैनिकों के आमने सामने होने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आईटीबीपी के कर्मी अब अपने मूलभूत प्रशिक्षण के दौरान चीनी भाषा सीख रहे हैं। उन्होंने इसके लिए आईटीबीपी की तारीफ की। उन्होंने आईटीबीपी के अधिकारियों से कहा कि वे ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों में से कम से कम एक परिवार की जिम्मेदारी लें। उन्होंने बताया कि अभियानों के दौरान जो जवान 50 फीसदी दिव्यांग हो जाते हैं, मंत्रालय ‘‘भारत के वीर’’ कोष से उनकी मदद करने पर काम कर रहा है।
आईटीबीपी के महानिदेशक आर के पचनन्दा ने कहा कि बल को देश में सभी सीमा प्रहरी बलों के लिए उपग्रह संचार हासिल करने एवं उसकी समुचित व्यवस्था करने के लिए ‘‘नोडल एजेंसी’’ नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने अत्यधिक ऊंचाई वाली सीमा चौकियों के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के आईटीबीपी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पचनन्दा ने यह भी बताया कि बल अपने खुफिया ढांचे का भी विस्तार कर रहा है।
गृह मंत्री ने आईटीबीपी द्वारा महिला सशक्तिकरण, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, विश्व योग दिवस आदि अभियानों में की गई सक्रिय पहल एवं बल द्वारा निभाई जा रही उल्लेखनीय भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर स्थिति में मजबूती के साथ राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित है। इस अवसर पर बल के 6 पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं 26 अन्य पदाधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदकों से विभूषित किया गया। स्थापना दिवस पर आयोजित परेड के दौरान आईटीबीपी की महिला पुलिस बल की टुकड़ी सबसे आगे थी।
इसके पश्चात कमांडो, स्कीइंग, पर्वतारोहण, नक्सल विरोधी अभियान, छाताधारी ,घुड़सवार एवं अन्य टुकडिय़ां शामिल थीं। वर्ष 2017 के लिए बल की 38 वीं वाहिनी को सर्वश्रेष्ठ नॉन बॉर्डर बटालियन तथा प्रथम वाहिनी को ओवरऑल सर्वश्रेष्ठ वाहिनी घोषित किया गया तथा शील्ड भेंट की गई।
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