प्रधानमंत्री से मजदूरों, कामगारों और जन-धन खातों के लिए राहत पैकेज देने का अनुरोध

PM Modi

वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल की सराहना की तथा छत्तीसगढ़ में वायरस से संक्रमित लोगों की स्थिति और लॉकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि इस लॉकडाउन के दौरान मदद के लिए वे मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज दें। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल की सराहना की तथा छत्तीसगढ़ में वायरस से संक्रमित लोगों की स्थिति और लॉकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज देने का अनुरोध किया है ताकि विपदा की घड़ी में उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।’’ 

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बघेल ने लिखा है, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से ‘लॉकडाउन की घोषणा की गई है। जिससे राज्य में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है। राज्य में अभी तक सात लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी दशा सामान्य है। सौभाग्य से राज्य में अभी तक इस वायरस ने किसी की जान नहीं ली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एम्स रायपुर का अमला तथा राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। लेकिन लॉकडाउन से धीरे-धीरे राज्य की जनसंख्या के बड़े भाग को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।’’ 

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मुख्यमंत्री ने कहा है, ‘‘26 मार्च को केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा आमजन को सहायता पहुंचाने के लिए की गयी घोषणाएं सराहनीय हैं। इससे समाज के बड़े तबके को राहत मिली है। केन्द्र सरकार द्वारा की गयी सकारात्मक पहल को निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है, क्योंकि अभी भी समाज के एक बड़े तबके को उन घोषणाओं का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। विशेष तौर पर मनरेगा योजना के तहत आने वाले भूमिहीन मजदूर तथा असंगठित क्षेत्र के कामगार, वर्तमान परिस्थितियों में इनका जीवन-यापन दूभर होना तय है।’’ बघेल ने सुझाव दिया है, ‘‘मनरेगा और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के खातों में अगले तीन महीने तक एक-एक हजार रुपये डाले जाएं। सभी जन-धन खाता धारकों को तीन महीने तक 750 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जाए। इसमें महिला, पुरूष, जीरो बैलेन्स अथवा अप्रचलित खाते सभी शामिल हों।’’ मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि 15 हजार रुपये प्रतिमाह से कम कमाने वाले संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों के भविष्य निधि की संपूर्ण राशि अगले तीन महीने तक वही दे और उसमें कोई पूर्व शर्त ना रखे।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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