अनुसंधानकर्ताओं ने ठगों के हथकंडों के बारे में बताया, बचाव के उपाय सुझाए

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संवाद के दौरान हिज्जे और व्याकरण पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ठग अक्सर अंग्रेजी भाषी देशों से होने का दावा करते हैं, जबकि वे वास्तव में गैर-पश्चिमी देशों से होते हैं। किसी तरह का संदेह होने पर अपने परिवार या किसी मित्र से इस बारे में बात करनी चाहिए।धोखाधड़ी का शिकार होने पर मदद के लिए अपने प्रियजन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से संपर्क करना चाहिए। सहायता करने वालों का यह नेटवर्क जीवन में आगे बढ़ने में आपकी मदद कर सकता है।

नेटफ्लिक्स पर प्रसारित वृत्तचित्र ‘द टिंडर स्विंडलर’ में दिखाया गया है कि पीड़ितों ने किस तरह कुख्यात ठग साइमन लेविएव का पर्दाफाश किया, जिसने डेटिंग ऐप ‘टिंडर’ पर खुद को एक अमीर हीरा कारोबारी बताकर कई महिलाओं को अपने प्यार के जाल में फंसाया था और उनसे लाखों डॉलर ठगे थे। डेटिंग ऐप पर धोखाधड़ी करने वाले लेविएव जैसे अपराधी भावनात्मक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाकर उनका भरोसा जीतते हैं और उनसे आर्थिक लाभ हासिल करते हैं। इंटरनेट ने डेटिंग के तरीके में बड़ा बदलाव किया है और कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद अपने आदर्श साथी को खोजने के लिए डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने वाले अमेरिकी वयस्कों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन ऐप के कारण प्रेमियों के लिए एक-दूसरे से बातचीत करना सुविधाजनक हो गया है, लेकिन इनकी वजह से ऑनलाइन रोमांस से जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं। अपराधी फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और पैसे ऐंठने के लिए किसी झूठी तत्काल आवश्यकता का हवाला देते हैं।

संघीय व्यापार आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में लगभग 70,000 अमेरिकी ऑनलाइन रोमांस से जुड़ी धोखाधड़ी के शिकार हुए और उनसे कुल 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि ठगी गई। ऐसे मामलों में अपराधी सोच-समझकर बनाई गई ऑनलाइन सोशल इंजीनियरिंग तकनीक के जरिये लोगों को ठगते हैं। कोई मनोवैज्ञानिक रणनीति बनाकर लोगों से काम कराने या उनसे गोपनीय जानकारी हासिल करने को ‘सोशल इंजीनियरिंग’ कहते हैं। मैंने और जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा एवं यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा के मेरे सहयोगियों ने यह समझने का प्रयास किया कि ये ठग कैसे काम करते हैं, किन बातों के आधार पर वे अपनी रणनीति बदलते हैं और लोग खुद को उनके जाल में फंसने से कैसे बचा सकते हैं? ऑनलाइन रोमांस से जुड़ी धोखाधड़ी करने के तरीके -यह कोई संयोग नहीं होता। इसकी रणनीति सोच-समझकर बनाई जाती है, जिसके कई चरण होते हैं। अनुसंधान में पांच चरण की पहचान की गई है : आकर्षक प्रोफाइल बनाकर पीड़ितों को फंसाना। पीड़ितों से आत्मीय बातचीत करना।

पैसे ऐंठने के लिए संकट की स्थिति पैदा करना। पीड़ितों को ब्लैकमेल करके ठगना। घोटाले का खुलासा करना। मैंने और मेरे सहयोगी वोल्कन तोपल्ली ने अपने पहले के अध्ययन में वेबसाइट ‘स्टॉप-स्कैमर डॉट कॉम’ के पीड़ितों का विश्लेषण किया था। हमारे अनुसंधान से पता चला कि ठग पीड़ितों से पैसा ठगने के लिए विभिन्न सोशल इंजीनियरिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। वे पीड़ितों के संवाद करने के तरीके पर विशेष ध्यान देते हैं और उनके जवाब के आधार पर अपनी रणनीति बनाते हैं। रोकना या बढ़ावा देना -सड़क पर लूटपाट करने वालों की तरह ऑनलाइन रोमांस के जरिये धोखाधड़ी करने वाले लोग भी कई प्रकार के स्थितिजन्य संकेतों से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित हो सकते हैं। ये संकेत उन्हें बढ़ावा देने या उन्हें रोकने दोनों का काम कर सकते हैं। धोखेबाजों को रोकने वाला एक संदेश यह है, ‘‘मुझे पता है कि तुम निर्दोष लोगों को ठग रहे हो। मेरे एक मित्र को भी हाल में इसी अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया और अब वह पांच साल के कारावास की सजा भुगत रहा है। तुम्हें यह काम छोड़ देना चाहिए, ताकि तुम्हारा भी यही हश्र न हो।’’

धोखाधड़ी करने वालों को ‘ब्लॉक’ करना -ऐसा करके ऑनलाइन रोमांस संबंधी धोखाधड़ी से बचने में मदद मिल सकती है। अपने प्रयोगात्मक निष्कर्षों में मेरा और मेरे सहकर्मियों का सुझाव है कि ऑनलाइन ऐप, विशेष रूप से डेटिंग ऐप चेतावनी संदेश दें। उदाहरण के लिए संभावित पीड़ितों को सचेत करने और ठगों को रोकने के लिए बातचीत में ‘‘धन’’ और ‘‘बैंक’’ जैसे शब्दों की पहचान करने के लिए विज्ञान एल्गॉरिदम लागू किया जा सकता है। खुद को कैसे बचाएं -ऑनलाइन डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करते समय अजनबियों से बातचीत में सावधानी बरतनी चाहिए। अजनबियों से अपनी वित्तीय जानकारी साझा करने या उन्हें पैसे देने से बचना चाहिए। अजनबियों से अपनी निजी तस्वीरें साझा नहीं करनी चाहिए। संवाद के दौरान हिज्जे और व्याकरण पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ठग अक्सर अंग्रेजी भाषी देशों से होने का दावा करते हैं, जबकि वे वास्तव में गैर-पश्चिमी देशों से होते हैं। किसी तरह का संदेह होने पर अपने परिवार या किसी मित्र से इस बारे में बात करनी चाहिए।धोखाधड़ी का शिकार होने पर मदद के लिए अपने प्रियजन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से संपर्क करना चाहिए। सहायता करने वालों का यह नेटवर्क जीवन में आगे बढ़ने में आपकी मदद कर सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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