पूर्व सांसदों की पेंशन का फैसला करने का अधिकार संसद को: केंद्र

[email protected] । Mar 24 2017 2:58PM

सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर केंद्र सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि इस मुद्दे पर फैसला करने का परम पावन अधिकार संसद का है।

सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर केंद्र सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि इस मुद्दे पर फैसला करने का परम पावन अधिकार संसद का है। सरकार की ओर से यह देश की शीर्ष अदालत को एक साफ संदेश था कि वह सांसदों के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप नहीं करे। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने लोकसभा में कहा कि सांसदों को कानून के प्रावधानों के तहत भत्ते और पेंशन दी जाती है और इसका फैसला करने का अधिकार विशेष रूप से संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।

उन्होंने कहा, ''मैं समझता हूं कि सदन का प्रत्येक सदस्य इस बात से सहमत है कि सदन का अधिकार परम पावन है। संसद को सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन के बारे में फैसला करने का पूरा अधिकार है।’’ अनंत कुमार ने अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कहा कि पूरा सदन इस मामले में उनके साथ है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय द्वारा शून्यकाल में यह मुद्दा उठाए जाने पर अनंत कुमार ने यह बात कही। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के लगभग सभी सदस्यों ने सौगत राय के मुद्दे से सहमति जताते हुए खुद को इससे संबद्ध किया।

हालांकि बीजू जनता दल के तथागत सथपति ने कहा कि सांसदों के साथ ही न्यायाधीशों की भी पेंशन समाप्त की जाए। उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों अपनी टिप्पणी में कहा था कि 80 फीसदी पूर्व सांसद करोड़पति हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी गुरुवार को राज्यसभा में कहा था कि सांसदों की पेंशन के बारे में फैसला करने का अधिकार केवल संसद को है और संस्थानों में आपसी अनुशासन का सम्मान किया जाना चाहिए। सौगत राय का कहना था कि उच्चतम न्यायालय संसद के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने कहा कि संसद तो उनसे नहीं पूछती कि पूर्व जज पेंशन क्यों पा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को इस संबंध में एक याचिका पर केंद्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था। याचिका में सांसदों को दी जाने वाली पेंशन तथा अन्य भत्तों को समाप्त करने की अपील की गयी थी। न्यायाधीश जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ लोक प्रहरी की याचिका पर लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों को नोटिस जारी किया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़