आरएसएस को कदम उठाना चाहिए, सिर्फ बात नहीं करना चाहिए: संजय सिंह ने मणिपुर पर भागवत के बयान पर कहा

Sanjay Singh
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संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल में (भाजपा अध्यक्ष) जे पी नड्डा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय की भाजपा को आरएसएस के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी की भाजपा को इसकी जरूरत नहीं है।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर संघ बदलाव ला सकता है तो उसे सकारात्मक कदम उठाने चाहिए, अन्यथा संघर्षग्रस्त राज्य के बारे में सिर्फ बात करने का कोई मतलब नहीं है।

सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल में (भाजपा अध्यक्ष) जे पी नड्डा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय की भाजपा को आरएसएस के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी की भाजपा को इसकी जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि यह मां और बच्चे के बीच की लड़ाई का नतीजा है, क्योंकि नड्डा ने आरएसएस के खिलाफ खुलकर बोला है और आरएसएस भी भाजपा के खिलाफ खुलकर बोल रहा है।’’

आप नेता ने कहा,‘‘मैं पूरी विनम्रता के साथ मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि मणिपुर मामले को लेकर मुझे (राज्यसभा से) सांसद के तौर पर निलंबित कर दिया गया था, लेकिन जब वहां (मणिपुर में) एक साल से हिंसा चल रही है, तो आरएसएस को पहले ही सरकार को आगाह कर देना चाहिए था, इस बारे में सवाल उठाने चाहिए थे। जो उसने नहीं किया।’’

सिंह ने दावा किया, ‘‘दूसरा, प्रधानमंत्री का अहंकार हर जगह दिख रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। वह (भागवत) कहते हैं कि स्वयंसेवक (आरएसएस स्वयंसेवक) अहंकारी नहीं होता लेकिन प्रधानमंत्री स्वयंसेवक हैं, (भाजपा में) कौन स्वयंसेवक नहीं है? हर कोई खुद को स्वयंसेवक बताता है।

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