नशा विरोधी अभियान पर चर्चा के दौरान पंजाब विधानसभा में हंगामा

सदन में फिर से हंगामा देखने को मिला जब अकाली विधायक मनविंदर सिंह गियासपुरा ने कांग्रेस विधायक अवतार सिंह जूनियर पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।
पंजाब विधानसभा में मंगलवार को नशा विरोधी अभियान पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी नोकझोंक के बाद खूब हंगामा हुआ।
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन बहस में भाग लेते हुए चीमा ने राज्य की पूर्ववर्ती अकाली-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधा तथा उन पर नशे की समस्या को खत्म करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
चीमा ने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए 55,000 सरकारी नौकरियां देने और खेल आयोजन ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ जैसे प्रयासों का श्रेय भगवंत मान सरकार को दिया। उन्होंने राज्य सरकार के नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशेयां विरुद्ध’ की भी सराहना की।
चीमा ने उपाध्यक्ष जय कृष्ण सिंह रोड़ी से कुछ कांग्रेसी नेताओं के वे पुराने वीडियो दिखाए जाने की अनुमति मांगी, जिनमें उन्होंने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की आलोचना की थी जिस पर बाजवा ने आपत्ति जताई। बाजवा ने कहा, ‘‘विधानसभा के किस नियम के तहत इसकी अनुमति दी जा सकती है? क्या आप सिनेमाघर में बैठे हैं? कुछ तो समझदारी से बात कीजिए।’’
बाद में, सदन में फिर से हंगामा देखने को मिला जब अकाली विधायक मनविंदर सिंह गियासपुरा ने कांग्रेस विधायक अवतार सिंह जूनियर पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक 2025’ पर चर्चा के दौरान कहा कि बेअदबी विरोधी यह विधेयक दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करके यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसा कोई जघन्य अपराध न हो।
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