अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं होंगे रूस-भारत के रक्षा संबंध: सीतारमण

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[email protected] । Sep 17 2018 7:03PM

उन्होंने यह भी कहा कि एस-400 मिसाइल करार के संबंध में रूस के साथ बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत दिया कि भारत जल्दी ही इसे अंतिम रूप देने की राह में है।

नयी दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले महीने प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट संकेत दिया है कि भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध समय की कसौटी पर कसे हुए हैं और वह इन संबंधों को रूस के साथ सैन्य कारोबार पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं होने देगा। उन्होंने यह भी कहा कि एस-400 मिसाइल करार के संबंध में रूस के साथ बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत दिया कि भारत जल्दी ही इसे अंतिम रूप देने की राह में है।

रक्षा मंत्री ने कहा, "भारत ने देशों के साथ संबंधों में अपनी संप्रभुता को बनाए रखा है। हम इसे पूरी ईमानदारी से बनाए रखेंगे।" वह इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि रूस के साथ अमेरिका के सैन्य प्रतिबंधों से क्या भारत के अपने निकटतम भागीदारों में से एक के साथ सामरिक और रक्षा संबंध प्रभावित होंगे? पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए अगले महीने भारत आएंगे। इस दौरान दोनों पक्ष रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।

रूस भारत के लिए प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है। वर्षों की बातचीत के बाद, दोनों देश वायु सेना की खातिर एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए 40,000 करोड़ रुपये के सौदे के करीब हैं।क्रीमिया मामले को लेकर रूस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य प्रतिबंधों के चलते सौदे पर कुछ अनिश्चितता थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत ने अमेरिका को पहले ही अवगत करा दिया है कि वाशिंगटन के प्रतिबंधों के बावजूद वह वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद की दिशा में आगे बढ़ेगा। छह सितंबर को भारत और अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू वार्ता के पहले संस्करण में भी यह मुद्दा सामने आया था। भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर करीब 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए। 

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