Salman Rushdie Birthday: सलमान रुश्दी को इस उपन्यास से मिली थी रातों रात प्रसिद्धि, आज मना रहे 78वां जन्मदिन

Salman Rushdie Birthday
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भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी आज यानी की 19 जून को अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह अपनी किताबों से ज्यादा शादियों और विवादों के कारण चर्चा में रहते थे। रुश्दी को उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' से रातों-रात प्रसिद्धि मिली थी।

भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी आज यानी की 19 जून को अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुंबई में 19 जून 1947 को सलमान रुश्दी का जन्म हुआ था। वह अपनी किताबों से ज्यादा शादियों और विवादों के कारण चर्चा में रहते थे। बता दें कि सलमान रुश्दी ने चार शादियां की थीं। जिनमे से एक भी नहीं चली। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में....

शिक्षा और परिवार

सलमान रुश्दी के पिता का नाम अनीस अहमद रुश्दी और मां का नाम नेगीन भट्ट था। इनके जन्म के कुछ समय बाद ही परिवार ब्रिटेन चला गया। इंग्लैंड के रगबी स्कूल में उन्होंने शुरूआती शिक्षा ली। फिर उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इतिहास की पढ़ाई की। साहित्यकार बनने से पहले वह दो एड एजेंसियों में कॉपी राइटर का काम कर चुके थे। 

शादियां

उन्होंने साल 1976 में पहली शादी क्लेरिसा लुआर्ड से की थी। यह शादी 11 साल तक चली और इनका एक बेटा जफर है। वहीं 04 नवंबर 1999 में क्लेरिसा की मौत हो गई और साल 1988 में उन्होंने अमेरिकी उपन्यासकार मारिऑन विगिंस से शादी की। लेकिन साल 1993 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने साल 1997 में एलिजाबेथ वेस्ट से शादी की और 2004 में तलाक हो गया। फिर साल 2004 में सलमान रुश्दी ने एक्ट्रेस पद्मा लक्ष्मी से शादी की। लेकिन 02 जुलाई 2007 में इनकी शादी टूट गई। 

फेमस उपन्यास

सलमान रुश्दी ने साल 1975 में अपना पहला उपन्यास 'ग्राइमल' लिखा था। इस उपन्यास को ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली थी। लेकिन उनके अगले उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' ने उनको रातों-रात प्रसिद्धि दिलाई। बता दें कि रुश्दी की इस किताब को पिछले 100 सालों में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ किताबों में से एक माना गया था। साल 1981 में सलमान रुश्दी को बुकर सम्मान प्राप्त हुआ था। इस उपन्यास के लिए साल 1993 और 2008 में भी पुरस्कार मिले। 

फिर साल 1983 में उनको 'शेम', साल 1987 में 'द जगुआर स्माइल', साल 1988 में 'द सैटेनिक वर्सेज', साल 1994 में 'ईस्ट-वेस्ट', साल 1995 में 'द मूर्स लास्ट साई', साल 1999 में 'द ग्राउंड बिनीथ हर फीट' और साल 2005 में 'शालीमार द क्राउन' जैसी प्रमुख और बेहतरीन रचनाएं लिखीं। इनके लिए सलमान रुश्दी को कई पुरस्कार भी मिले।

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