बागियों को संजय राउत का संदेश, घर के दरवाजे खुले हैं, गुलामी की जगह स्वाभिमान से करें फैसला
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शिवसेना नेता और महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बागियों को एक बार फिर से बातचीच का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श के जरिये रास्ता निकाला जा सकता है। चर्चा की जा सकती है। घर के दरवाजे खुले हैं।
गोवाहाटी में एकनाथ शिंदे का कुनबा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। 42 विधायकों का वीडियो जारी कर एक तरह से ये बताने की कोशिश की कि शिवसेना में वही होगा जो हम चाहेंगे। संख्याबल पूरी तरह से एकनाथ शिंदे के साथ नजर आ रहा है। जिसके बाद शिवसेना की तरफ से लगातार ये उम्मीद लगाकर रखे हैं कि विधायक जब मुंबई आएंगे तो कई लोग एकनाथ शिंदे का दामन छोड़ देंगे। महाराष्ट्र के इस सियासी संकट के बीच संजय राउत की तरफ से लगातार बयान दिए जा रहे हैं। हालिया ट्वीट में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "बातचीत के लिए दरवाजे अभी भी खुले हैं..चर्चा ही आगे बढ़ा सकती है।"
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शिवसेना नेता और महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बागियों को एक बार फिर से बातचीच का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श के जरिये रास्ता निकाला जा सकता है। चर्चा की जा सकती है। घर के दरवाजे खुले हैं। आइए गुलामी की जगह स्वाभिमान से फैसला करें। इससे पहले संजय राउत की तरफ से बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि विधायक चाहेंगे तो शिवसेना महाविकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होने को तैयार हैं। संजय राउत ने कहा कि विधायकों को गुवाहाटी से संदेश नहीं देना चाहिए। वे लोग मुंबई वापस आकर बात करें, सीएम से चर्चा करें।
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शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के बगावती तेवरों के कारण महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट गहराने के बीच पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया कि विश्वासघाती विधायकों को “समय रहते अपने तरीके सुधार लेने” चाहिए। इसमें कहा गया है कि जो विधायक भाजपा के “दबाव की रणनीति और प्रलोभन” के आगे झुक गए हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि अगर शिवसेना के आम कार्यकर्ताओं ने अपना मन बना लिया तो वे “स्थायी रूप से पूर्व” हो जाएंगे।
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