महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय हरियाणा में संस्कृत लेखन कौशल संवर्धन कार्यशाला का आरम्भ

Maharishi Valmiki Sanskrit University
प्रतिरूप फोटो
Creative Commons licenses

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के कुलपति प्रो. रमेशचन्द्र भारद्वाज जी ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृतमय वातावरण बनाने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत को व्यावहारिकता में लाने की आवश्यकता है।

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल में संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में संस्कृत सप्ताह के शुभ अवसर पर 1,2 और 4 सितम्बर को अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। जैसा कि विदित ही है प्रत्येक वर्ष श्रावणी पूर्णिमा विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसी दौरान संस्कृत सप्ताह भी मनाया जाता है। कार्यशाला का उद्घाटन 01 सितम्बर शुक्रवार को हुआ।

जिसमें महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के कुलपति प्रो. रमेशचन्द्र भारद्वाज जी ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृतमय वातावरण बनाने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत को व्यावहारिकता में लाने की आवश्यकता है।  संस्कृत में समस्त ज्ञान निधि समाहित है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में संस्कृत लेखन कौशल का विकास हो अत: इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के संस्कृत विभाग के अनुसन्धाता गुरजीत सिंह प्रशिक्षक के रूप में संस्कृत लेखन कौशल का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

कार्यशाला में छात्रों को संस्कृत भाषा में निहित आधारभूत एवं मौलिक भाषायी तत्वों का संक्षिप्त परिचय देते हुए कारक व्यवस्था, विशेष्य विशेषण भाव एवं पुरुष-व्यवस्था का ज्ञान करवाया गया। बीच बीच में छात्रों ने भी पूर्ण उत्साह एवं उमंग के द्वारा अपनी  जिज्ञासाओं को सामने रखा, जिसका तुरन्त ही रोचक माध्यम से समाधान भी किया गया। 

कार्यशाला की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्रपाल, डॉ.जगत नारायण, डॉ.शर्मीला, डॉ. रामानन्द मिश्र, डॉ. देवेन्द्र, डॉ कुलदीप आदि उपस्थित रहे।

कार्यशाला के संयोजक डॉ नवीन शर्मा ने जानकारी दी कुलपति प्रो. भारद्वाज के मार्गदर्शन के अनुसार  शनिवार को भी यह कार्यशाला होगी और संस्कृत निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा। जिसमें प्रत्येक विभाग से प्रथम 1100/-, द्वितीय 700/- व तृतीय 500/- पुरस्कार दिए जाएंगे। सर्वोत्तम संस्कृत निबन्ध लेखक को 2100/- रु का पुरस्कार दिया जाएगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़