सारदा चिटफंड घोटाला: न्यायमूर्ति राव ने सुनवाई से स्वयं को किया अलग

प्रधान न्यायाधीश ने ने सीबीआई की याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि एक न्यायाधीश इस पीठ का हिस्सा नहीं बनना चाहते।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने सारदा चिटफंड घोटाले की जांच में पश्चिम बंगाल प्राधिकारियों द्वारा बाधा डालने के आरोप लगाने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई से स्वयं को बुधवार को अलग कर लिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष सीबीआई की अवमानना याचिका सुनवाई के लिये सूचीबद्ध थी।
SC Judge, Justice L Nageswara Rao recuses himself from hearing contempt petition filed by CBI against WB Chief Secy, DGP&former Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar for alleged non-cooperation in connection with Saradha chit fund scam. The case is now listed on February 26.
— ANI (@ANI) February 20, 2019
प्रधान न्यायाधीश ने ने सीबीआई की याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि एक न्यायाधीश इस पीठ का हिस्सा नहीं बनना चाहते। न्यायमूर्ति राव ने कहा कि वह राज्य की ओर से वकील के रूप में पेश हुए थे और इसलिए मामले की सुनवाई नहीं कर सकते। पीठ ने अब इस मामले को 27 फरवरी को उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कर दिया जिसका न्यायमूर्ति राव हिस्सा नहीं हों।
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पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार और कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने घोटाले के संबंध में सीबीआई द्वारा दायरा अवमानना याचिका पर शीर्ष अदालत में 18 फरवरी को अलग शपथपत्र दायर किए थे और ‘‘बिना शर्त एवं स्पष्ट रूप से माफी’’ मांगी थी। शीर्ष अदालत ने उन्हें सीबीआई की अवमानना याचिकाओं पर जवाब दायर करने का पांच फरवरी को आदेश दिया था।
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