NN वोहरा का कार्यकाल समाप्त, सत्यपाल मलिक बने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल

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[email protected] । Aug 22 2018 8:29AM

बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस नयी नियुक्ति से दस वर्षों तक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे एन एन वोहरा का कार्यकाल खत्म हो गया है।

नयी दिल्ली। बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस नयी नियुक्ति से दस वर्षों तक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे एन एन वोहरा का कार्यकाल खत्म हो गया है। इसके साथ ही पांच दशक बाद इस महत्वपूर्ण पद पर किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नेता को राज्यपाल बनाया गया है।

राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में मलिक (72) की नियुक्ति की घोषणा मोदी सरकार की कश्मीर रणनीति में बदलाव का भी संकेत लेकर आयी है। केंद्र ने 1967 से जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पद के लिए सेवानिवृत्त नौकरशाहों, राजनयिकों, पुलिस अधिकारियों और सैन्य जनरलों को चुना। इस साल जून में पीडीपी के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन से भाजपा के बाहर होने के बाद जम्मू कश्मीर में फिलहाल राज्यपाल शासन लगा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश से भाजपा के कद्दावर नेता और दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वस्त सहयोगी रहे लालजी टंडन, सत्यदेव नारायण आर्य और बेबी रानी मौर्य को क्रमश: बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया है। आर्य और रानी मौर्य भी भाजपा के हैं और क्रमश: बिहार और उत्तरप्रदेश से आते हैं। मलिक (72) जम्मू कश्मीर में कर्ण सिंह के बाद पहले ऐसे राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नेता हैं जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया है। कर्ण सिंह 1965 से 1967 तक प्रदेश के राज्यपाल थे।

मलिक की नियुक्ति ऐसे समय हुयी है जब राज्य में राजनीतिक स्थितियां भी बदल रही है। चर्चा है कि महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी के कुछ असंतुष्ट विधायक भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। मलिक की नियुक्ति के साथ पूर्व नौकरशाह वोहरा का राज्यपाल के तौर पर दस साल का कार्यकाल खत्म हो गया है। वोहरा ने 25 जून, 2008 को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का पदभार ऐसे वक्त ग्रहण किया था जब प्रदेश में अमरनाथ आंदोलन चल रहा था।

विभिन्न दलों से जुड़े रहे मलिक ने अपने छात्र दिनों में मेरठ विश्वविद्यालय में सोशलिस्ट नेता के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। बाद के दिनों में वह भाजपा के उपाध्यक्ष बने और पिछले साल बिहार के राज्यपाल नियुक्त किये गए। अपने लंबे राजनीतिक करियर में मलिक भारतीय क्रांति दल, लोक दल, कांग्रेस और जनता दल और भाजपा में रहे।

वर्ष 1974 में उत्तरप्रदेश के बागपत से चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से वह विधायक बने। वह 1984 में कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी से राज्यसभा सदस्य बने लेकिन बोफोर्स घोटाले की पृष्ठभूमि में तीन साल बाद इस्तीफा दे दिया। वह 1988 में पाला बदलकर वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल में शामिल हो गए और 1989 में पार्टी के टिकट पर अलीगढ़ से सांसद बने।

वर्ष 2004 में मलिक भाजपा में शामिल हुए। चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह से उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। चार अक्तूबर 2017 को बिहार के राज्यपाल का पद संभालने के पहले वह भाजपा के किसान मोर्चा के प्रभारी थे। मलिक केंद्रीय संसदीय कार्य और पर्यटन राज्यमंत्री रह चुके हैं। वह केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। 

आगरा से भाजपा नेता बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल नियुक्त की गयी हैं। वहां पर दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त के के पॉल का कार्यकाल पूरा हो गया है। आर्य (73) बिहार में आठ बार विधायक रहे। वह 2010 में भाजपा-जदयू सरकार में मंत्री भी रहे है। उन्हें हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के मुताबिक फेरबदल के तहत हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा भेज दिया गया है। वह तथागत राय की जगह लेंगे। राय अब मेघालय के राज्यपाल होंगे। मेघालय के राज्यपाल गंगाप्रसाद का स्थानांतरण सिक्किम कर दिया गया है।

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