ब्लूव्हेल: SC का दूरदर्शन को प्राइम टाइम शो के लिये लघु फिल्म बनाने का निर्देश

SC asks TV channels to create awareness about Blue Whale game during prime time

उच्चतम न्यायालय ने दूरदर्शन को निर्देश दिया है कि ब्लूव्हेल चैलेन्ज जैसे दुस्साहसिक खेलों के खतरों के बारे में एक सप्ताह के भीतर दस मिनट की फिल्म तैयार करें और यह सुनिश्चत करें कि इसका प्रसारण दूरदर्शन और निजी चैनलों पर प्राइम टाइम के दौरान किया जाये।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दूरदर्शन को निर्देश दिया है कि ब्लूव्हेल चैलेन्ज जैसे दुस्साहसिक खेलों के खतरों के बारे में एक सप्ताह के भीतर दस मिनट की फिल्म तैयार करें और यह सुनिश्चत करें कि इसका प्रसारण दूरदर्शन और निजी चैनलों पर प्राइम टाइम के दौरान किया जाये। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, ‘‘आप (केन्द्र) यह कैसे करेंगे, यह हमारी चिंता नहीं है।

परंतु आपको यह करना होगा।’’ पीठ ने कहा कि इस तरह के आनलाइन खेल जीवन के लिये खतरा हैं और इन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि ‘अकेले’ और ‘अवसाद’ से ग्रस्त बच्चे अक्सर इस तरह के खतरनाक खेलों की ओर आकर्षित होते हैं। पीठ ने केन्द्र से कहा कि उसे आवश्यक कदम उठाकर यह सुनिश्चत करना चाहिए कि ऐसी कोई और मौत नहीं हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि दूरदर्शन ब्लूव्हेल गेम के खतरों के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के परामर्श से एक सप्ताह के भीतर एक कार्यक्रम तैयार करेगा ताकि वे इस खेल में संलिप्त नहीं हों।

पीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कार्यक्रम निजी चैनलों पर भी प्रसारित हो। केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पी एस नरसिम्हा ने कहा कि अभी तक देश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह के खेलों से संबंधित करीब 28 मामलों का पता चला है और जांच एजेन्सियां इनकी जांच कर रही हैं। उन्होंने जवाब देने के लिये न्यायालय से तीन सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक समिति गठित की है और तमाम सेवा प्रदाताओं से इस बारे में जानकारी मांगी गयी है।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाये जायेंगे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। न्यायालय ने केन्द्र को गृह मंत्रालय सहित संबंधित मंत्रालयों द्वारा उठाये गये कदमों के विवरण के साथ विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिये तीन सप्ताह का समय देने के साथ ही जनहित याचिका पर सुनवाई 20 नवंबर के लिये स्थगित कर दी।न्यायालय अधिवक्ता स्नेहा कलिता की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में ब्लू व्हेल और जीवन के लिये खतरनाक ऐसे ही दूसरे आनलाइन खेलों को नियंत्रित करने और उनकी निगरानी के लिये दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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