SC ने कानून से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ एक्शन की कही बात, अब तीस्ता सीतलवाड़ के घर पहुंची ATS

Teesta Setalvad
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अभिनय आकाश । Jun 25 2022 5:01PM

गुजरात एटीएस की टीम तीस्ता शीतलवाड़ के मुंबई स्थित घर पहुंची है। इसके साथ ही आर कुमार को क्राइम ब्रांच के जरिये समन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीस्ता को लेकर और जांच की जरूरत बताई थी।

गुजरात दंंगे पर फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की थी। जिसके बाद अब तीस्ता शीतलवाड़ के घर एटीएश के पहुंचने की खबर आ रही है। गुजरात एटीएस की टीम तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित घर पहुंची है। इसके साथ ही आर कुमार  को क्राइम ब्रांच के जरिये समन किया गया है।  सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीस्ता को लेकर और जांच की जरूरत बताई थी। 2002 के दंगों में गुलबर्गा सोसायिटी के मामले में जिस एहसान जाफरी की मौत हुई थी। उनकी पत्नी जाकिया जाफरी एसआईटी की जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गईं थीं। लेकिन उस जांच को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो लोग कानून के साथ ऐसा खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।   

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कोर्ट ने जांच किए जाने की बात कही थी

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि सह-याचिकाकर्ता और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि एसआईटी रिपोर्ट को स्वीकार करने वाले गुजरात के मजिस्ट्रेट द्वारा पारित 2012 के आदेश को बरकरार रखते हुए जकिया जाफरी की याचिका में कोई दम नहीं है। तीस्ता सीतलवाड़ के पूर्ववृत्तों पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने परिस्थितियों की असली शिकार जकिया जाफरी की भावनाओं का गलत उद्देश्यों के लिए शोषण किया है। अदालत ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ की और जांच की जरूरत है क्योंकि वह अपने फायदे के लिए जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल कर रही थीं। न्याय की खोज के नायक अपने वातानुकूलित कार्यालय में एक आरामदायक वातावरण में बैठकर ऐसी भयावह स्थिति के दौरान विभिन्न स्तरों पर राज्य प्रशासन की विफलताओं को जोड़ने में सफल हो सकते है। पीठ ने आगे कहा कि केवल राज्य की विफलताओं को जोड़कर उच्चतम स्तर पर आपराधिक साजिश के आरोपों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। एक साजिश का आरोप तभी लगाया जा सकता है जब अपराध करने के लिए मन के अंदर का स्पष्ट सबूत हो। 

 

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