सिंधिया को लेकर राहुल का छलका दर्द, बोले- कांग्रेस में होते तो एक दिन मुख्यमंत्री बन जाते

rahul gandhi

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि अगर सिंधिया ने अलग रास्ता नहीं चुना होता तो वह एक दिन मुख्यमंत्री जरूर बनते। लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का दर्द छलका है। राहुल गांधी ने यूथ कांग्रेस के एक कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस में जो निर्णायक भूमिका में थे, भाजपा में उन्हें पिछली सीट पर जगह मिल रही है। 

इसे भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बोले राहुल गांधी, इतिहास रचने और भविष्य संवारने में सक्षम हैं महिलाएं 

राहुल का छलका दर्द

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि अगर सिंधिया ने अलग रास्ता नहीं चुना होता तो वह एक दिन मुख्यमंत्री जरूर बनते। लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना है। राहुल ने कांग्रेस संगठन के महत्व के विषय पर युवा कांग्रेस से बात करते हुए कहा कि सिंधिया के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ काम कर संगठन को मजबूत बनाने का विकल्प था और मैंने उनसे कहा था कि आप एक दिन मुख्यमंत्री जरूर बनेंगे लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना।

अपने सबसे अच्छे मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में राहुल ने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोग मेरे से लिखकर ले लीजिए कि वह वहां पर कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्हें वापस आना पड़ेगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

इसे भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, कही यह अहम बात 

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने ट्वीट कर जानकारी दी कि आज एक खास दिन है, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय में हम सभी के नेता, देश की आवाज़ राहुल गांधी द्वारा भारतीय युवा कांग्रेस के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं प्रदेश अध्यक्षों का मार्गदर्शन किया गया। मैं युवा कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं की ओर से राहुल गांधी का धन्यवाद करता हूं।

इसे भी पढ़ें: किसान आंदोलन के 100 दिन होने पर राहुल ने कहा- तीनों कानून वापस लेने ही होंगे 

उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो जाने की वजह से मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी। क्योंकि सिंधिया के साथ उनके 22 समर्थक विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दिया था। हालांकि बाद में कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों की संख्या में इजाफा हो गया था। जिसके बाद प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ था जिसमें भाजपा को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थी और प्रदेश में एक बार फिर से शिवराज के नेतृत्व वाली सरकार बनी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़