भारत क्या करेगा, ये आप दुनिया को मत बताओ, Donald Trump के दावे पर Shashi Tharoor का करारा जवाब

डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को लेकर विवाद छिड़ गया है जिसमें उन्होंने कहा कि भारत साल के अंत तक रूसी तेल आयात लगभग शून्य कर देगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे भारत की संप्रभुता पर टिप्पणी मानते हुए ट्रंप से आग्रह किया कि वह दुनिया को भारत के फैसले न बताएं। भारत सरकार ने भी किसी ऐसे समझौते से इनकार करते हुए अपनी ऊर्जा नीति में उपभोक्ता हितों और सुरक्षित आपूर्ति को सर्वोपरि बताया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कि भारत साल के अंत तक रूसी तेल आयात में काफी कमी लाएगा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को पलटवार किया। उन्होंने नई दिल्ली की तरफ से बयानबाजी करने के लिए ट्रंप की आलोचना की।
ट्रंप को थरूर की दो टूक
एएनआई से बात करते हुए, थरूर ने राष्ट्रपति ट्रंप को साफ-साफ कहा कि वह भारत के फैसलों की घोषणा दुनिया को न करें, क्योंकि नई दिल्ली भी वॉशिंगटन डीसी के फैसलों की घोषणा नहीं करता है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि ट्रंप का भारत के फैसलों के बारे में घोषणा करना सही है। मुझे लगता है कि भारत अपने फैसलों का एलान खुद करेगा। हम दुनिया को यह नहीं बताते कि ट्रंप क्या करेंगे। मुझे लगता है कि ट्रंप को भी दुनिया को यह नहीं बताना चाहिए कि भारत क्या करेगा।'
ट्रंप ने क्या दावा किया था?
इससे पहले बुधवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन का हवाला देते हुए दावा किया था कि भारत साल के अंत तक रूसी तेल इंपोर्ट को काफी कम कर देगा।
ट्रंप ने यह भी कहा कि रूसी तेल को धीरे-धीरे खत्म करने की प्रक्रिया 'स्लोली-स्लोली' होगी, और दावा किया कि भारत साल के अंत तक इसे 'लगभग जीरो' कर देगा।
व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रूट की मेजबानी के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझसे कहा था कि वे इसे रोक देंगे। यह एक प्रक्रिया है; आप इसे यूं ही नहीं रोक सकते। लेकिन साल के अंत तक, उनके पास लगभग शून्य हो जाएगा। यह बहुत बड़ी बात है, यह करीब 40 प्रतिशत तेल है। भारत बहुत अच्छा रहा है। मैंने कल प्रधानमंत्री मोदी से बात की और वे बिल्कुल शानदार रहे।'
भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज किया
हालांकि, भारत किसी भी ऐसे समझौते से इनकार करता है। भारत सरकार ने अपनी प्रायोरिटी (प्राथमिकता) बताते हुए कहा है कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। देश की ऊर्जा नीति स्थिर कीमतों और सुरक्षित सप्लाई को सबसे पहले रखती है।
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