शिवसेना ने BJP पर कश्मीर में फिर से चुनावी राजनीति करने का आरोप लगाया

Shiv Sena blames BJP for re-election politics in Kashmir
[email protected] । Jun 26 2018 2:43PM

जम्मू - कश्मीर में गठबंधन सरकार से अलग होने के फैसले को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि पार्टी के ‘‘षड्यंत्रों’’ से जनता तंग आ चुकी है और उसे सच बोलना सीखने की जरूरत है।

मुंबई। जम्मू - कश्मीर में गठबंधन सरकार से अलग होने के फैसले को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि पार्टी के ‘‘षड्यंत्रों’’ से जनता तंग आ चुकी है और उसे सच बोलना सीखने की जरूरत है। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी ने मुखौटा उतार दिया है और चुनाव की राजनीति शुरू कर दी है। महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना का कहना है कि पीडीपी के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव और दौड़ - धूप मूलत: भाजपा ने ही की थी। 

पार्टी ने अपने मुख्यपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, ‘‘कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी ने अपना मुखौटा उतार दिया है और चुनाव की राजनीति शुरू कर दी है। तीन वर्ष तक पीडीपी के साथ गद्दी गर्म करने के बाद भाजपा की ओर से स्पष्टीकरण दिया जा रहा है कि सरकार काम नहीं कर रही थी, हमारी उनकी नहीं बन रही थी, आतंकवाद बढ़ गया है, लेह-लद्दाख के विकास को सरकार ने नजरअंदाज किया और उसके कारण सरकार गिरानी पड़ी।’’ उसमें लिखा है कि भाजपा कश्मीर में फिर से पुराने मुद्दों को लेकर माहौल बना रही है और फिर वही मुखौटा पहन रही है। ।

शिवसेना का कहना है, ‘‘लोग अब इस साजिश से ऊब चुके हैं। कोई तो उन्हें सच बोलने का प्रशिक्षण दे।’’ पार्टी का कहना है, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विशेष रूप से सारी जिम्मेदारी पीडीपी पर डाली है और कश्मीर के ‘सत्यानाश के लिए’ , वहां की हिंसा के लिए भाजपा के जिम्मेदार नहीं होने का ऐलान किया है। पार्टी ने सवाल किया है, ‘‘मतलब पीडीपी के साथ तीन साल तक ‘सत्ताशैया’ भोगी लेकिन जो फल निकला उसके पितृत्व या जिम्मेदारी को नकार दिया है। मूलत: पीडीपी के साथ सरकार स्थापना का प्रस्ताव और दौड़ - धूप भाजपा ने ही की थी।’’

सामना में लिखा है, महाराष्ट्र में शिवसेना को उपमुख्यमंत्री का पद देने से इनकार करने वाली भाजपा ने जम्मू - कश्मीर में उपमुख्यमंत्री पद सहित विकास से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विभाग हासिल किये। शिवसेना ने सवाल किया , लेह - लद्दाख के संदर्भ में जम्मू - कश्मीर सरकार भेदभाव कर रही है , यह समझने में सरकार में रहने वाले भाजपा के मंत्रियों को तीन वर्ष का समय लग गया जो आश्चर्यजनक है। 

पार्टी का कहना है, ‘‘आतंकवादियों को सहानुभूति दिखाने वाले एक दल के साथ स्वयं की खुशी से गठबंधन करना और मुसीबत खुद पर आते ही ‘कुंडी मत खड़काओ, सीधे अंदर आ जाओ’ जैसी नीति अपनाना , कश्मीर में भाजपा ने ऐसा ही किया है। जम्मू - कश्मीर में सत्ता के तीन वर्षों के दौरान भाजपा ने धारा 370 से लेकर ‘एक देश एक निशान’ जैसे अपने मूल एजेंडे को स्पर्श तक नहीं किया, लेकिन सरकार से बाहर निकलते ही इस मुद्दे पर बोलना शुरू कर दिया।’’

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