शिवसेना ने किया कटाक्ष, ''''महाभियोग नोटिस खारिज होना ही था''''

शिवसेना ने आज कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाने के विपक्ष के नोटिस को राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू द्वारा खारिज किये जाने का फैसला चौंकाने वाला नहीं था।
मुंबई। शिवसेना ने आज कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाने के विपक्ष के नोटिस को राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू द्वारा खारिज किये जाने का फैसला चौंकाने वाला नहीं था। भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल शिवसेना ने ये टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कही। अपने मुखपत्र 'सामना’ के एक संपादकीय में पार्टी ने कहा, ''लोकतंत्र के चार स्तंभों को दीमकों ने खोखला कर दिया है।” और कहा, ''लोगों का विश्वास खो देने के बाद कोई भी बहुत लंबे समय तक राज नहीं कर सकता।”
पार्टी ने संपादकीय में प्रधान न्यायाधीश को पद से हटाने के लिए कांग्रेस नीत सात विपक्षी पार्टियों द्वारा लाए गए नोटिस के खारिज हो जाने के वाकये का जिक्र किया और कहा कि नायडू द्वारा लिए गए फैसले से किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इसमें कहा गया, ''प्रस्ताव को खारिज किए जाने के पीछे कई तकनीकी और कानूनी कारण बताए गए लेकिन अगर ये कारण नहीं भी होते तो भी महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाता।” शिवसेना ने कहा कि तकनीकी कारणों से इतर नायडू खुद भी विपक्ष द्वारा प्रधान न्यायाधीश पर लगाए गए आरोपों में यकीन नहीं रखते। संपादकीय में कहा गया, ''मेरिट जैसे शब्दों का आज के वक्त में कोई महत्त्व नहीं रह गया। प्रधानमंत्री मोदी या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जो कुछ भी निर्णय करते हैं वही मेरिट होता है।”
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