कर्नाटक में प्रमुख लिंगायत संत शिवकुमार स्वामीजी का निधन, राजनेताओं ने जताया शोक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने तुमकुरू में संवाददाताओं से कहा कि मुझे अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि साक्षात् भगवान, परम पूज्य सिद्धगंगा श्री का निधन हो गया है।
बेंगलुरू। कर्नाटक के तुमकुरू स्थित सिद्धगंगा मठ के प्रमुख 111 वर्षीय शिवकुमार स्वामीजी का सोमवार को निधन हो गया। श्रद्धालुओं एवं शिष्यों के बीच ‘चलते-फिरते ईश्वर’ के नाम से विख्यात यह संन्यासी लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन की घोषणा मठ की ओर से की गई। स्वामीजी की हाल में चेन्नई के एक अस्पताल में यकृत संबंधी जटिलताओं को लेकर सर्जरी हुई थी। स्वामीजी की देखरेख करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि सर्जरी के बाद उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार दिखा था लेकिन कुछ दिन पहले उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और स्वामीजी द्वारा संचालित शिक्षा सोसायटी ने स्वामीजी के निधन की घोषणा की। उनके निधन के बारे में जानकारी होने पर पूरे राज्य में उनके अनुयायी शोक में डूब गए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने तुमकुरू में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि साक्षात् भगवान, परम पूज्य सिद्धगंगा श्री का निधन हो गया है। यह राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने समाज के प्रति जो योगदान दिया उससे पूरे राज्य में लाखों लोगों का जीवन बदल गया। उन्होंने कई लोगों के भविष्य को आकार देने का काम किया।’ स्वामीजी द्वारा स्थापित सिद्धगंगा एजुकेशन सोसायटी ने कहा, ‘स्वामीजी पूर्वाह्न 11 बजकर 44 मिनट पर अपना नश्वर शरीर छोड़कर स्वर्ग के लिए प्रस्थान कर गए।’ कर्नाटक में प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के प्रमुख संत पद्म भूषण और राज्य के सर्वोच्च नागरिक सम्मान कर्नाटक रत्न से सम्मानित थे।
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कुमारस्वामी ने मंगलवार को सरकारी छुट्टी और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। मठ ने कहा कि स्वामीजी का अंतिम संस्कार मंगलवार को तुमकुरू में शाम साढ़े चार बजे किया जाएगा। मठ की वेबसाइट के अनुसार श्रद्धेय स्वामीजी का जन्म एक अप्रैल 1908 को कर्नाटक के वीरापुरा गांव में हुआ था। स्वामीजी द्वारा स्थापित श्री सिद्धगंगा कालेज आफ एजुकेशन की वेबसाइट पर उनकी जन्मतिथि एक अप्रैल 1907 के तौर पर उल्लेखित है। संत को उनके अनुयायी सामाज सुधारक बसवेश्वर का अवतार मानते हैं। बसवेश्वर ने ही लिंगायत सम्प्रदाय की 12वीं सदी में स्थापना की थी। शिवकुमार स्वामीजी अपने अभिभावकों होनप्पा और गंगम्मा के 13 बच्चों में से सबसे छोटे थे। उनकी पांच बहनें भी थीं। आठ वर्ष की आयु में उनकी मां का निधन हो गया और इस घटना के बाद वह आध्यात्म की ओर आकर्षित हुए।
स्वामीजी ने श्री सिद्धगंगा एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की जिससे तुमकुरू जिले में शिक्षा के परिदृश्य में क्रांति आयी। उनकी परोपकारी गतिविधियों से हजारों लोगों को प्रतिदिन भोजन प्राप्त करने में मदद मिली। उन्होंने गुरुकुल की स्थापना की थी जो हजारों बच्चों को आश्रय, शिक्षा और भोजन मुहैया कराता है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के सीमांत क्षेत्रों में काफी संख्या में उनके अनुयायी हैं। 1930 में स्वामीजी प्रतिष्ठित सिद्धगंगा मठ के उत्तराधिकारी बने जिसकी स्थापना 14वीं सदी में हरदनहल्ली गोसाला सिद्धेश्वर स्वामीजी ने बसवेश्वर की शिक्षाओं को प्रोत्साहित करने के लिए किया था। कर्नाटक एवं अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल, सभी दलों के नेता, शिक्षाविद तथा प्रमुख विद्वान उनका आशिर्वाद लेने के लिए उनसे मिलने आते थे।
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तत्कालीन राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम मठ में आठ अप्रैल 2007 को स्वामीजी के 100वें जन्मदिन और गुरुवंदना कार्यक्रम में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितम्बर 2014 में स्वामीजी से मुलाकात की थी। गत वर्ष मई में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वामीजी से अलग अलग मुलाकातें की थीं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वामीजी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आध्यात्मिक गुरु के निधन के बारे में जानकार उन्हें अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने समाज विशेष तौर पर स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के प्रति काफी योगदान किया। उनके अनगिनत अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘परम पूजनीय डॉ. श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामीगलु लोगों, खासकर गरीबों एवं कमजोरों, के लिए जिये। उन्होंने गरीबी, भूख और सामाजिक अन्याय जैसी समस्याओं के उन्मूलन की दिशा में खुद को समर्पित कर दिया था। दुनिया भर में फैले उनके अनगिनत श्रद्धालुओं के प्रति प्रार्थनाएं एवं एकजुटता।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां सामुदायिक सेवा की व्यापक पहल शानदार है और अकल्पनीय रूप से बहुत बड़े पैमाने पर है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्वामीजी का सभी धर्मों और समुदायों के लाखों भारतीय सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि उनके निधन से एक गहरा आध्यात्मिक रिक्तता बन गई है। उनके सभी अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना।
I have had the privilege to visit the Sree Siddaganga Mutt and receive the blessings of His Holiness Dr. Sree Sree Sree Sivakumara Swamigalu.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2019
The wide range of community service initiatives being done there are outstanding and are at an unimaginably large scale. pic.twitter.com/wsmRp2cERd
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि साक्षात् भगवान की आत्मा उनके करोड़ों अनुयायियों का मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने लाखों अनुयायियों को शिक्षा का वरदान दिया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। स्वामीजी के निधन के कुछ ही समय बाद लोग अपने गुरु के अंतिम दर्शन के लिए जुटना शुरू हो गए। स्वामीजी के पार्थिव शरीर को एक मंच पर रखा गया है ताकि लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को वहां लाया गया। पूरे जिले विशेष तौर पर मठ के आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं।
ನಡೆದಾಡುವ ದೇವರು ಶ್ರೀ ಶಿವಕುಮಾರ ಶ್ರೀಗಳು ದೈವಾಧೀನರಾಗಿದ್ದು ಅಪಾರ ನೋವು ತರಿಸಿದೆ. ಇವರ ಅಗಲಿಕೆಯಿಂದ ದೇಶವೇ ಬಡವಾಗಿದೆ. ಯಾವುದೇ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲೂ ಸಲಹೆ, ಸೂಚನೆ ನೀಡುತ್ತಿದ್ದ ಇವರು ದೂರವಾಗಿದ್ದು ವೈಯಕ್ತಿಕವಾಗಿ ತುಂಬಾ ನಷ್ಟವನ್ನುಂಟು ಮಾಡಿದೆ. ಶ್ರೀಗಳ ಅಗಲಿಕೆಯ ನೋವು ಭರಿಸುವ ಶಕ್ತಿಯನ್ನು ಅವರ ಲಕ್ಷಾಂತರ ಭಕ್ತರಿಗೆ ದೇವರು ಕರುಣಿಸಲಿ. pic.twitter.com/cYzjT6H3hh
— B.S. Yeddyurappa (@BSYBJP) January 21, 2019
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