सवर्णों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार से बैर मोल लेंगे शिवराज

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केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पटलने के बाद सवर्ण काफी ज्यादा नाराज दिखाई दे रहे हैं।

भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पटलने के बाद सवर्ण काफी ज्यादा नाराज दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में सरकार के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा फैसला लेते हुए केंद्र को भी चौंका दिया। सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं होगा और किसी की भी गिरफ्तारी बिना जांच के नहीं की जाएगी।

केंद्र सरकार ने जब अपना फैसला पलट दिया तो सवर्णों ने सड़कों पर उतरना शुरू किया और सवर्णों की अगुवाई में आगे आए कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर। ऐसे में जब मुख्यमंत्री चौहान जन आशीर्वाद यात्रा कर रहे थे तो मध्य प्रदेश की जनता ने उन्हें काले झंडे दिखाए और तो और पथराव भी किया। हालांकि, चौहान ने पथराव के लिए विपक्षी नेता अजय सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था। 

मुख्यमंत्री चौहान ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया था लेकिन काले झंडे दिखाए जाने का सिलसिला थमा नहीं और तो और मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रखर हो गया। जिसके बाद अब केंद्र से शिवराज ने अपना रुख अलग करते हुए सवर्णों के हित को ट्वीट किया। लेकिन सवाल यह है कि, क्या ये कानून मध्य प्रदेश में तुरंत लागू हो सकता है? ऐसे में जवाब है कि शिवराज सरकार को इसके लिए अध्यादेश लाना पड़ेगा। 

अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि शिवराज सिंह द्वारा केंद्र सरकार के फैसले को पलटने से क्या सवर्णों की नाराजगी दूर हो जाएगी। तो जवाब है ना। क्योंकि, जब सवर्ण विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे तो उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के अलावा जीएसटी की वजह से हुए नुकसान भी जिक्र किया था। मध्य प्रदेश के कई इलाकों में तो दुकानदारों ने बकायदा एक नोट लिखकर चिपका दिया है कि- हम जनरल कैटिगरी वाले व्यक्ति हैं, कृपया हमसे वोट न मांगे। 

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