विभाग बदले जाने पर सिद्धू बोले, मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता
पंजाब कैबिनेट में फेरबदल में सिद्धू से महत्वपूर्ण स्थानीय शासन विभाग ले लिया गया और उन्हें बिजली तथा नयी एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार दिया गया है।
चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू का विभाग बदले जाने के साथ बृहस्पतिवार को राज्य में पार्टी के भीतर दरार और गहरी हो गई। साथ ही, सिद्धू मंत्रिमंडल की बैठक में भी शामिल नहीं हुए। सिंह और सिद्धू के बीच चल रहे टकराव के बीच तेजी से बदले घटनाक्रम में सिद्धू ने मंत्रिमंडल की बैठक में भाग नहीं लिया और आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा,‘‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता। ‘‘मेरे विभाग पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधा जा रहा हैं...मैंने हमेशा उन्हें बड़े भाई की तरह सम्मान दिया है। मैं हमेशा उनकी बात सुनता हूं। लेकिन इससे दुख पहुंचता है। सामूहिक जिम्मेदारी कहां गई?
Navjot Singh Sidhu: It is a collective responsibility. My department has been singled out publicly. One must have the ability to see things in the right perspective. I cannot be taken for granted. I have been a performer throughout. I am answerable to the people of Punjab. https://t.co/jFTzEWjfIp
— ANI (@ANI) June 6, 2019
उल्लेखनीय है कि पंजाब कैबिनेट में फेरबदल में सिद्धू से महत्वपूर्ण स्थानीय शासन विभाग ले लिया गया और उन्हें बिजली तथा नयी एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार दिया गया है। हालांकि, सिद्धू ने कहा कि उन्होंने हमेशा से अच्छा प्रदर्शन किया है और दावा किया कि पंजाब में पार्टी की जीत में शहरी इलाकों ने अहम भूमिका निभाई। सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता। मैंने अपने जीवन में 40 साल तक अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है, चाहे वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो या ज्योफ्री बॉयकाट के साथ विश्वस्तरीय कमेंट्री हो, टीवी कार्यक्रम हो या 1300 प्रेरक वार्ताओं का मामला हो।’’ पंजाब के शहरी इलाकों में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ‘‘खराब प्रदर्शन’’ को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नाराजगी का सामना कर रहे सिद्धू चुनाव के बाद बृहस्पतिवार को हुयी पहली कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए।
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सिद्धू ने कहा कि वह अपने नाम, विश्वसनीयता और प्रदर्शन का पूरी तरह से बचाव करेंगे। उन्होंने कहा, हर कोई मुझसे पूछ रहा है कि मैं कैबिनेट की बैठक में क्यों नहीं गया। जब आप कैबिनेट मंत्री बनते हैं तो शपथ दिलाई जाती है और उसके बाद कहा जाता है कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है। मैं राजनीति विज्ञान का छात्र रहा हूं और यह पढ़ाया जाता है कि नियम यह है कि हम साथ चलेंगे और साथ डूबेंगे।’’ हालिया आम चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। शिअद-भाजपा गठबंधन को चार और आप को एक सीट मिली थी।
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