केंद्र के धन वितरण पर केरल के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं सीतारमण : विजयन

Pinarayi Vijayan
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केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की गठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार की कथित उपेक्षा के खिलाफ जनवरी में नयी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। एलडीएफ ने विभिन्न क्षेत्रों में केरल की उपेक्षा करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है और कहा है कि राज्य को अभी तक 58,000 करोड़ रुपये की सहायता नहीं मिली है जिसके वह हकदार है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने केंद्र द्वारा राज्य को आवश्यक धन के समय पर वितरण के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दावों को लेकर रविवार को उन पर राज्य की जनता को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केरल की वामपंथी सरकार के इन आरोपों को खारिज किया कि राज्य को धन आवंटन में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार बिना देरी किए केरल को आवश्यक धनराशि तुरंत भेजती है। विभिन्न श्रेणियों के तहत धन जारी नहीं करने के वामपंथी सरकार के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में राज्य सरकार की विफलता के कारण यह धन जारी नहीं किया जा सका।

विजयन ने सीतारमण के दावों और आरोपों को खारिज करते हुए दलील दी कि केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल के लिखित अनुरोध के माध्यम से दक्षिणी राज्य की आवश्यकताओं को कई बार सीतारमण के ध्यान में लाया गया था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बालगोपाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को राज्य की वित्तीय समस्याओं से अवगत कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे मुलाकात भी की थी। विजयन ने कहा, ‘‘मैंने राज्य की जरूरतों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी बताया था। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इन तथ्यों को छिपाकर केंद्रीय वित्त मंत्री दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से केरल के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के जनसंपर्क अभियान नव केरल सदास के तहत एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे राज्य के लिए हानिकारक कदम उठाने के बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री आती हैं और तथ्यों को छिपाकर केंद्र की कार्रवाइयोंको सही ठहराने की कोशिश करती हैं।

उनके दावे गलत और निराधार हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य जिस धनराशि और अनुदान की मांग कर रहा है, वह उसका अधिकार है, न कि कोई एहसान या केंद्र द्वारा दी गई खैरात। वित्त मंत्री ने शनिवार को दावा किया कि 2009-10 से 2023-24 के बीच केरल को वित्त आयोग अनुदान की सबसे अधिक राशि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जारी की गई है। वित्त मंत्री ने कहा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत सभी लंबित देनदारियां और 2023-24 की पहली किश्त जारी की जा चुकी है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिक पेंशन को कवर करते हुए केरल को अक्टूबर 2023 में 602.14 करोड़ रुपये जारी किए गए। सीतारमण ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा दक्षिणी राज्य को अनुदान देने से इनकार करने के आरोप के संबंध में कानूनी कदम उठाने से केंद्र को वास्तविक स्थिति प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।

केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की गठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार की कथित उपेक्षा के खिलाफ जनवरी में नयी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। एलडीएफ ने विभिन्न क्षेत्रों में केरल की उपेक्षा करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है और कहा है कि राज्य को अभी तक 58,000 करोड़ रुपये की सहायता नहीं मिली है जिसके वह हकदार है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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