भारत विरोधी गैंग में शामिल हैं कुछ रिटायर्ड जज, कानून मंत्री बोले- जूडिशिरी और सरकार के बीच पैदा कर रहे गलतफहमी, भुगतेंगे अंजाम

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश "भारत विरोधी गिरोह" का हिस्सा हैं और न्यायपालिका को एक विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। रिजिजू ने कहा कि हाल ही में न्यायाधीशों की जवाबदेही पर एक संगोष्ठी हुई थी। लेकिन किसी तरह पूरी संगोष्ठी बन गई कि कैसे कार्यपालिका न्यायपालिका को प्रभावित कर रही है। रिजिजू ने कहा कि कुछ न्यायाधीश ऐसे हैं जो कार्यकर्ता हैं और एक भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं जो न्यायपालिका को विपक्षी दलों की तरह सरकार के खिलाफ करने की कोशिश कर रहे हैं। कानून मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि ये लोग राष्ट्रविरोधी कारगुजारी का अंजाम जरूर भुगतेंगे।
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कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट भी जाते हैं और कहते हैं कि कृपया सरकार पर लगाम लगाएं। यह तो हो नहीं सकता। न्यायपालिका तटस्थ है और न्यायाधीश किसी समूह या राजनीतिक संबद्धता का हिस्सा नहीं हैं। रिजिजू ने जोड़ते हुए कहा कि ये लोग खुले तौर पर कैसे कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका को सरकार का सामना करना चाहिए? कानून मंत्री दिल्ली में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। रिजिजू ने कहा कि अगर राहुल गांधी या कोई भी कहता है कि भारतीय न्यायपालिका को हाईजैक कर लिया गया है या देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है … न्यायपालिका मर चुकी है, इसका क्या मतलब है? भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने के लिए सोच-समझकर प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि दिन-ब-दिन वे यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार भारतीय न्यायपालिका को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है।
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विभिन्न संस्थानों के बीच संवैधानिक "लक्ष्मण रेखा" का आह्वान करते हुए, रिजिजू ने पूछा कि क्या न्यायाधीश प्रशासनिक नियुक्तियों का हिस्सा बनते हैं, जो न्यायिक कार्य करेंगे। यह बयान चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट के 2 मार्च के फैसले के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में था।
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