सोनिया गांधी ने पूर्वोत्तर पर की बैठक, NRC पर नहीं हुआ कोई निर्णय

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[email protected] । Sep 13 2019 8:40PM

बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल, पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता मौजूद थे।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में इस क्षेत्र में पार्टी की समन्वय समिति को मजबूत बनाने तथा एनआरसी से बाहर रह गए भारतीय नागरिकों को पूरी मदद मुहैया कराने का भी निर्णय लिया गया। इस बैठक में पूर्वोत्तर के कई राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध किया, हालांकि अभी कांग्रेस आलाकमान ने इस विषय पर कोई फैसला नहीं किया। इस पर पार्टी बाद में अपना रुख स्पष्ट करेगी। कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर उस वक्त चर्चा की है जब हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को भुलाया नहीं गया है और इसे फिर से लाया जाएगा। हालांकि, पूर्वोत्तर के राज्यों की चिंताओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र से जुड़े विशेष कानून को नहीं छुआ जाएगा।

बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल, पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता मौजूद थे। इस बैठक के बाद असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘एनआरसी को लेकर चर्चा हुई और यह निर्णय हुआ कि जो वास्तविक भारतीय नागरिक एनआरसी की सूची से बाहर रह गए हैं उनके साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी रहेगी और उनको कानूनी और दूसरी हर तरह की मदद मुहैया करएगी।’’ उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने निर्देश दिया कि एनआरसी से बाहर रह गए भारतीय नागरिकों की पूरी मदद की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत सरकार से आग्रह किया है कि भारतीय नागरिकों का नाम नहीं छूटना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से हेल्प डेस्क बनाया गया है। अपील याचिका और कागजों के बारे में मदद की दी जा रही है।’’

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बोरा ने कहा, ‘‘बैठक में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के बारे में चर्चा की गई। सारे नेताओं की राय ली गई और सभी इकाइयों ने इसके खिलाफ राय दी, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में पूर्वोत्तर के राज्यों के विशेष दर्जे को लेकर भी चर्चा की गई। नगा शांति समझौते को लेकर बात हुई। हमारा यह रुख है कि इस नगा शांति फ्रेमवर्क में किसी सीमावर्ती राज्य के हित से समझौता नहीं होना चाहिए और सभी के हितों की सुरक्षा होनी चाहिए।’’ बोरा ने कहा कि पूर्वोत्तर कांग्रेस समन्वय समिति को मजबूत बनाने का फैसला किया गया है। इसका गुवाहाटी में स्थायी कार्यालय बनाया जाएगा।

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