सोनिया, खरगे, राहुल और कई कांग्रेस नेताओं ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

 tribute to Rajiv Gandhi on his death anniversary
प्रतिरूप फोटो
@kharge

खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, 21वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा, भारतीय सूचना क्रांति के जनक, पंचायतीराज सशक्तीकरण के सूत्रधार, एवं शांति व सद्भाव के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न राजीव गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने राजीव गांधी के समाधि स्थल वीर भूमि पर जाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी ने अपने पिता के साथ की बचपन की एक तस्वीर एक्स पर साझा करते हुए पोस्ट किया, पापा, आपके सपने, मेरे सपने, आपकी आकांक्षाएं, मेरी ज़िम्मेदारियां। आपकी यादें, आज और हमेशा, दिल में सदा। 

खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, 21वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा, भारतीय सूचना क्रांति के जनक, पंचायतीराज सशक्तीकरण के सूत्रधार, एवं शांति व सद्भाव के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न राजीव गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा, ‘‘भारत को एक सुदृढ़ एवं सशक्त राष्ट्र बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद किया जाएगा। 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने देश में प्रौद्योगिकी के विकास और कई क्षेत्रों में शांति की स्थापना के लिए किए गए राजीव गांधी के प्रयासों को याद किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 33 साल पहले राजीव गांधी शहीद हुए थे। उनका राजनीतिक जीवन बहुत छोटा लेकिन बेहद प्रभावशाली था। उन्होंने अपने पीछे अनगिनत विरासतें छोड़ीं जिन्हें अब हम हल्के में लेते हैं। इनमें 18 वर्ष के युवाओं का वोट देने का अधिकार, पंचायतों और नगर पालिकाओं का संवैधानिक सशक्तीकरण, कंप्यूटर और टेलीकॉम युग में एक प्रमुख शक्ति के रूप में प्रवेश, सामाजिक चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग, भारत के अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रमों को मजबूत बनाने जैसे कदम शामिल हैं। उन्होंने असम, मिजोरम, त्रिपुरा और पंजाब में शांति स्थापना के लिए किए गए उनके प्रयासों का भी उल्लेख किया। 

इसे भी पढ़ें: फिर से शुरू हो पाकिस्तान से व्यापार संबंध, अमृतसर के व्यापारियों के लिए और क्या क्या है प्रमुख चुनावी मुद्दे ?

रमेश ने कहा, राजीव गांधी की एक विरासत, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है कांग्रेस का 1991 का घोषणापत्र, जिसे उन्होंने 15 अप्रैल, 1991 को जारी किया था और जिस पर उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 10 दिन की अवधि का लंबा समय बिताया था। केवल एक अखबार द टेलीग्राफ ने अगले दिन अपने शीर्षक में इसके महत्व को दर्शाया था। शीर्षक भविष्यसूचक साबित हुआ। उनके मुताबिक, 23 जुलाई 1991 को कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों को लेकर लाए गए परिवर्तनों को उचित ठहराने के लिए इस घोषणापत्र को उद्धृत किया था। राजीव गांधी 1984 से 1989 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनकी 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के सदस्यों ने हत्या कर दी थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़