सब इंस्पेक्टर से लेकर मंत्री बनने तक दिलचस्प रहा है SP Singh Baghel का राजनीतिक सफर
आगरा लोकसभा सीट से संसद में पहुँचे एसपी सिंह बघेल को मोदी 3.0 की कैबिनेट में एक बार जगह दी गई है। उन्हें मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी उद्योग के साथ-साथ पंचायती राज मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। एसपी सिंह बघेल की राजनीतिक कहानी बड़ी रोचक और रोमाचंक है।
मोदी 3.0 की कैबिनेट में आगरा लोकसभा सीट से संसद में पहुँचे एसपी सिंह बघेल को एक बार जगह दी गई है। उन्हें मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी उद्योग के साथ-साथ पंचायती राज मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। एसपी सिंह बघेल की राजनीतिक कहानी बड़ी रोचक और रोमाचंक है। उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहे प्रो. एसपी सिंह बघेल आज राजनीति जगत में बड़ा नाम है। यूपी पुलिस में रहते हुये, उन्हें मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा करने का मौका मिला, बस यहीं से उनकी किस्मत बदलना शुरू हो गई।
प्रो एसपी सिंह बघेल का पूरा नाम सत्य पाल सिंह बघेल है। उनका जन्म 21 जून 1960 को इटावा जिला में हुआ है। उनके पिता का नाम रामभरोसे सिंह और मां का नाम रामश्री सिंह देवी था। सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले एसपी सिंह बघेल शिक्षा ग्रहण करने के बाद 1980 के दशक में यूपी पुलिस में भर्ती हो गए। इसके बाद वह तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सुरक्षा में रहे, वहीं 1989 में जब मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने तो बघेल को उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली।
उन्होंने मुरादाबाद में सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ली। इसके बाद 31 दिसंबर 1983 को मुरादाबाद में पासिंग आउट परेड हुई। वहीं 16 जनवरी 1984 को बघेल को पहली तैनाती मेरठ में मिली। खास बात यह है कि उन्हें सबसे वीआईपी थाना सिविल लाइन की जिम्मेदारी मिली थी। यही नहीं इस दौरान एसपी बघेल का दबदबा बढ़ता चला गया। 1987 के दंगों की जांच की कमान भी बघेल को सौंपी गई। बताया गया कि जब उन्हें मेरठ से तीन महीने की स्पेशल ड्यूटी के लिए लखनऊ भेजा गया तो वहां उनकी ड्यूटी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगा दी गई। बस फिर यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हो गई।
उन्होंने मुलायम सिंह यादव से नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल तक का सफर पूरा किया है। केंद्रीय मंत्री बनने में उनका अनुभव काम आया। वह पांच बार सांसद और यूपी कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। एसपी सिंह बघेल के राजनीतिक सफर की कहानी रोचक और दिलचस्प है। बघेल से प्रभावित मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा था। एसपी सिंह बघेल ने अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी। 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े, लेकिन चुनाव हार गए थे।
2014 में मिली हार के बाद एसपी सिंह बघेल ने राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। विधानसभा चुनाव 2017 में टूंडला सुरक्षित सीट से भाजपा विधायक बने। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में शामिल किया गया। उन्होंने पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विभाग संभाला। बीजेपी के दो कद्दावर सांसद एसपी सिंह बघेल और रामशंकर कठेरिया का दोनों का नाम मंत्रिमंडल विस्तार के लिए शामिल किए जाने के लिए चर्चा में था लेकिन बाजी मारी आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल ने इससे पहले भी 2019 में रामशंकर कठेरिया आगरा से इटावा भेजकर उनकी जगह ही एसपी सिंह बघेल को टिकट दी गई थी।
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