30 सितंबर तक राजस्थान में बनी रहेगी यथास्थिति, नामांकन के बाद होगा विधायकों पर एक्शन!
परिस्थितियों को देखते हुए, दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक जैसे पार्टी के अन्य नेता संभावित उम्मीदवारों की सूची में कुछ नाम हैं। पार्टी के शीर्ष पद की दौड़ में शामिल शशि थरूर 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे।
कांग्रेस में एक जादूगर का गेम प्लान हिट हो गया और आलाकमान का पूरा गेम प्लान चौपट हो गया। सोनिया गांधी को ऐसी चुनौती पिछले 20 साल में किसी ने नहीं दी, जैसी चुनौती अशोक गहलोत ने दी। गहलोत खेमे के करीब 80 से अधिक विधायक उनके साथ खड़े नजर आ रहे हैंं। गहलोत को बगावत की सजा मिलेगी ये तो तय है। उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर भी अब इफ एंड बट की स्थिति नजर आने लगी है। पहले तक उनके नाम को लेकर कोई किंतु-परंतु नहीं था लेकिन राजस्थान के ताजा घटनाक्रम के बाद पांच नए नाम सामने आ गए हैं। परिस्थितियों को देखते हुए, दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक जैसे पार्टी के अन्य नेता संभावित उम्मीदवारों की सूची में कुछ नाम हैं। पार्टी के शीर्ष पद की दौड़ में शामिल शशि थरूर 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे।
माकन ने बताया अनुशासनहीनता, गहलोत के करीबी का पलटवार
अजय माकन ने मीडिया के सामने आकर इसे प्राथमिक दृष्टि से अनुशासनहीनता करार दिया। उन्होंने कहा कि जब आधिकारिक मीटिंग बुलाई गई औप उसी के समकक्ष में एक गैर आधिकारिक मीटिंग बुलाई जाए तो ये अनुशासनहीनता है। आगे इसके ऊपर देखेंगे क्या कार्रवाई की जाएगी। माकन का ये बयान आया तो सामने से गहलोत खेमे की तरफ से पलटवार भी किया गया। गहलोत के करीबी शांति धारीवाल ने अजम माकन को लेकर ही सवाल उठाते हुए कहा कि वो पक्षपातपूर्ण तरीके से बात करते थे। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अजय माकन सचिन पायलट के लिए माहौल बना रहे थे।
30 सितंबर तक यथास्थिति बनी रहेगी
माकन-खड़गे आज रात सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंप सकते हैं। वहीं कहा जा रहा है कि 30 सितंबर तक यथास्थिति बनी रहेगी। यानी पार्टी नामांकन के बाद ही मुख्यमंत्री के पद को लेकर कोई निर्णय लेगी। वहीं बगावत करने वाले गहलोत समर्थक विधायकों पर भी अभी एक्शन नहीं लिया जा रहा है। पार्टी आलाकमान पहले पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट देखेगा, उसके बाद ही कोई कार्रवाई पर फैसला होगा।
अन्य न्यूज़